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कांग्रेस को सद‌्बुद्धि आए और तीन तलाक बिल का समर्थन करे: मुख्तार अब्बास नकवी

तीन तलाक बिल संसोधन के बाद आज राज्यसभा में पेश होगा. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को पूरी उम्मीद है कि तीन तलाक बिल पास हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए ये बड़ा दिन होगा. 

मुख्तार अब्बास नकवी मुख्तार अब्बास नकवी
अशोक सिंघल/देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

राज्यसभा में आज मोदी सरकार संशोधित तीन तलाक बिल को पेश करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि संशोधन के बाद ये बिल पास हो जाएगा. बता दें कि नए बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को पूरी उम्मीद है कि तीन तलाक बिल पास हो जाएगा.

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उन्होंने कहा कि वर्षों से मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा था, हम चाहते हैं कि उनके साथ न्याय हो. यही सोचकर सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ यह बिल लाया है. उन्होंने कहा कि ये एक बहुत बड़ा कदम है. हम चाहते हैं कि राज्यसभा में सभी पार्टियां मिलकर इसे पास करें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सद्बुद्धि आए और इस बिल का समर्थन करे.

विपक्ष की आपत्तियों पर नकवी ने कहा कि दुरुपयोग तो किसी भी चीज का कोई भी कर सकता है. धारा 302 का भी गलत इस्तेमाल होता है. लेकिन इसकी वजह से हम कोई कानून ना बनाएं. किसी के साथ न्याय की बात न करें. अन्याय होता रहे. विपक्ष को आगे आकर इस बिल का समर्थन करना चाहिए.

नकवी ने कहा कि हम तो शुरू से ही तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास करना चाहते थे. इसपर बहुत समय से चर्चा हो रही है. हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द यह कानून बने. नकवी ने उम्मीद जताई है कि सभी पार्टियां बिल पास करवाने में आगे आएंगी और मुस्लिम महिलाओं के लिए यह एक बहुत बड़ा दिन होगा.

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संशोधित तीन तलाक बिल में क्या है खास...

- ट्रायल से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट दे सकता है आरोपी को जमानत.

- पीड़िता, परिजन और खून के रिश्तेदार ही एफआईआर दर्ज करा सकते हैं.

- मजिस्ट्रेट को पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार होगा.

- एक बार में तीन तलाक बिल की पीड़ित महिला मुआवजे की अधिकार

आपको बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हुआ था, इस सत्र में ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव में भी मोदी सरकार को बड़ी जीत मिली थी.

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