
हैदराबाद में रविवार रात को एक न्यूज चैनल की एंकर राधिका रेड्डी ने 5वीं मंजिल के घर से कूदकर सुसाइड कर लिया. राधिका अपने पैरेंट्स के घर में रहती थी. वह तेलुगू न्यूज चैनल V6 में काम करती थी. रिपोर्ट के मुताबिक, राधिका कथित तौर से डिप्रेशन से जूझ रही थी. घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ जिसमें राधिका ने किसी व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं बताया.
लेकिन 36 साल की महिला ने सुसाइड नोट में लिखा कि उसका दिमाग ही उसका दुश्मन है. डॉक्टरों का कहना है कि सुसाइड के वक्त राधिका के दिमाग में कई चीजें चल रही होंगी. डॉक्टर ये मानते हैं कि अगर डिप्रेशन का इलाज किया जाए तो मरीज सुसाइड करने से खुद को रोक सकता है. लेकिन कई बार डिप्रेशन को भारतीय समाज में नजरअंदाज कर दिया जाता है. तो क्या हैं भारत में डिप्रेशन के आंकड़े, आइए जानते हैं...
5 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5 करोड़ (2015 के आंकड़े) से अधिक लोग डिप्रेशन के शिकार हैं. दुनियाभर में सुसाइड के लिए डिप्रेशन एक प्रमुख वजह है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि अन्य तीन करोड़ लोग एंग्जाइटी से पीड़ित हैं. पिछले साल जारी रिपोर्ट कहती है कि साल 2015 में दुनियाभर में जो सुसाइड हुए उनमें दो तिहाई कम और मध्यम कमाई करने वाले देशों में हुए.
वहीं, दुनियाभर में 32 करोड़ लोग डिप्रेशन के साथ जी रहे हैं. इनमें भारत और चीन में मौजूद लोगों की संख्या काफी है. दुनिया में 2005 से लेकर 2015 के बीच डिप्रेशन से पीड़ित लोगों की संख्या में 18.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में भारत की आबादी के हिसाब से 4.5 फीसदी लोग डिप्रेशन से पीड़ित थे और 3 फीसदी एंग्जाइटी से.
7 लाख 88 हजार ने किया सुसाइड
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि 2015 में दुनियाभर में 7 लाख 88 हजार लोग सुसाइड से मर गए, जबकि काफी लोगों ने सुसाइड की कोशिशें की, लेकिन बच गए. 2015 में दुनिया में मौत की प्रमुख 20 वजहों में सुसाइड शामिल था. पूरी दुनिया में हुई मौतों में 1.5 फीसदी सुसाइड से हुई.
वहीं, दुनियाभर में 15 से 29 साल के लोगों के बीच सुसाइड मौत की दूसरी प्रमुख वजह रही. हालांकि, डिप्रेशन के शिकार किसी भी उम्र के लोग हो सकते हैं.