Advertisement

SC का आधार पर फैसला ट्विटर पर रहा सुपरहिट, हुए 3 लाख ट्वीट्स

आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को लंबे समय से इंतजार था, बुधवार को जब इस पर सुप्रीम फैसला आया तो ट्विटर पर इस पर ट्वीट करने की बाढ़ सी आ गई.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में आधार की संवैधानिक मान्यता को वैध करार दिया. देश की शीर्ष अदालत की ओर से आए इस बहुप्रतिक्षित फैसले पर सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर थी और लोगों ने ताबड़तोड़ 3 लाख ट्वीट कर डाले.

ट्विटर का कहना है कि फैसला आने के 48 घंटों के अंदर लोगों ने करीब 3 लाख ट्वीट कर डाले. इस तरह से कहा जा सकता है कि ट्विटर पर लोग आधार से जुड़े फैसले पर लगातार सक्रिय रहे और अपनी विचार व्यक्त करने में पीछे नहीं रहे.

Advertisement

ट्विटर के अनुसार, 26 सितंबर को दोपहर 12 बजे इस सोशल मीडिया पर आधार से जुड़े ट्वीट ने जोर पकड़ा और देशभर में लोग इस अहम मामले में जारी बहस में शरीक हुए. साथ ही ताबड़तोड़ ट्वीट करने लगे. ट्विटर पर आधार से जुड़े कई हैशटैग भी जमकर इस्तेमाल किए गए.

ये कुछ #AadhaarVerdict, #Aadhar, #Aadhaar4Development, #JusticeChandrachud, #AadhaarJudgment, #aadhaaract, #AadhaarForBanking, #HumHainAadhaarKeSaath चर्चित हैशटैग रहे.

पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नमेंट फॉर ट्विटर इंडिया की प्रमुख महिमा कौल ने कहा कि ट्विटर हमारे समाज, शहर या देश में क्या हो रहा है, जानने की प्रतिष्ठित जगह है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से आधार की वैधता पर दिए गए ऐतिहासिक फैसले पर यह बातचीत दर्शाती है कि राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए यह सोशल मीडिया का यह प्लेटफॉर्म कितना कारगर है.

कुछ चर्चित ट्वीट्स

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार की अनिवार्यता पर ऐतिहासिक निर्णय सुनाया. कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आधार को संवैधानिक करार दिया. 9 न्यायाधीशों की पीठ ने 3 कसौटियां निर्धारित की थी जिसे किसी कानून की वैधता के लिए निजता के हनन की स्वीकृत सीमा पर फैसला करने के लिए पूरा करने की आवश्यकता होती है.

कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध करार दिया लेकिन उसने बैंक खाते, मोबाइल फोन और स्कूल दाखिले में आधार अनिवार्य करने सहित कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने बहुमत के आधार पर दिए अपने फैसले में आधार को आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड बनाने के लिए अनिवार्य बताया. हालांकि, अब आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक करना जरूरी नहीं है और मोबाइल फोन का कनेक्शन देने के लिए टेलीकॉम कंपनियां लोगों से आधार नहीं मांग सकतीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement