
दो फाड़ हो चुकी समाजवादी पार्टी में अब 'साइकिल' के लिए लड़ाई जारी है. मुलायम और अखिलेश दोनों खेमें पार्टी और पार्टी चिह्न पर दावा ठोक रहे हैं. ये लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई हैं. लेकिन इसका एक खास नजारा अखिलेश खेमे के नरेश अग्रवाल के दफ्तर में देखने को मिला.
नरेश अग्रवाल ने अपने ऑफिस में दो साइकिलों को रखा हुआ है. पुरानी साइकिल मुलायम की है तो नई अखिलेश की. नरेश अग्रवाल ने कहा कि अब समय नई साइकिल की सवारी करने का है. राज्यसभा से सांसद अग्रवाल ने कहा कि साइकिल तो अब अखिलेश की है. साइकिल समाजवादी पार्टी की है. ये दो अलग-अलग साइकिलें देश में बह रही दो विचारधारा को दर्शाती हैं. एक मेहनतकश बुज़ुर्ग लोगों की और दूसरी युवा शक्ति की. नौजवान की सोच को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. नए जमाने की साइकिल को भी आगे आना चाहिए.
अखिलेश और रामगोपाल के अधिवेशन में शामिल होने पर मुलायम ने नरेश अग्रवाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिस पर उन्होंने कहा था कि मुलायम को अब निकालने का हक नहीं है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं.