
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन तो शांत पड़ता दिख रहा है, लेकिन किसानों की आत्महत्या का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है. पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में एक-एक किसान ने आत्महत्या कर ली है.
महाराष्ट्र के नासिक जिले में परेशान किसान भिकन सावंत कि कुएं मे कूदकर आत्महत्या कर ली. किसान पर बैंक का 2 लाख रुपये का कर्ज था और उसे कुछ उधार लिए पैसे भी चुकाने थे.दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में सागर जिले के खुराई इलाके में कर्ज के बोझ से तंग आकर एक किसान ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली. मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला चल रहा है. किसान आंदोलन खत्म होने और सरकार के तमाम आश्वासन के बावजूद इस पर रोक नहीं लगी है.
नासिक के नामपुर गाव के पास रहनेवाले किसान भिकन सावंत 3 साल से खेती में नुकसान उठा रहे थे, कर्जं की वजह से नया फसल ऋण भी नही मिल रहा था. कर्जमाफी आज होगी , कल होगी इस खेल में अब तक कोई कर्जमाफी किसान को मिली नहीं और न ही उन्हें कोई नया कर्ज मिला.
कर्जमाफी के लिये हाल ही में महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि 1.5 लाख के बकाया कर्ज पहले किसान चुकाए, फिर सरकार उस किसान का बकाया 1.5 लाख माफ करेगी. इस वजह से किसान परेशान हैं कि बकाया चुकाएं तो कहां से. इसी कर्ज कि वजह से नया फसल कर्ज भी नही थम रहा. नासिक में इस साल ही यह 53वीं किसान आत्महत्या है और सरकार के पहले कर्जमाफी ऐलान के बाद छठी आत्महत्या है.