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राज्यसभा में अमित शाह से सिब्बल बोले- हिम्मत है तो बोलिए गोडसे आतंकी है

राज्यसभा में UAPA बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में सजा देने की दर बहुत कम है. साथ ही कई मामले लंबित पड़े हैं.

कपिल सिब्बल कपिल सिब्बल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST

राज्यसभा में UAPA बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार पर जमकर हमला बोला. गृहमंत्री अमित शाह को टारगेट करते हुए सिब्बल ने कहा कि किस स्टेज पर सरकार तय करेगी कि कोई आतंकी है. अगर हाफिज सईद है तो वह आतंकी है. गोडसे है तो आतंकी है, लेकिन आप में कहने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने कहा कि 1947 से आज तक आपके पास हिम्मत नहीं हुई कि आप गोडसे को आतंकी कह दें.

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सिब्बल ने कहा 'गृह मंत्री जी आप उठकर कह दीजिए.' क्योंकि सब नजरिए की बात है. जिस नजरिए से देखते हैं वो आतंकी हो जाता है. आज आपने ऐसे लोगों को जेल में रखा है जो शिक्षाविद् हैं, संयुक्ट राष्ट्र से फंडिंग लेते हैं. उनको कल आप नोटिफिकेशन से आतंकी कह देंगे. यह सब आपकी मंशा पर निर्भर करेगा.

कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर गृह मंत्रालय ने किसी को आतंकी घोषित कर दिया तो उसके पास रिव्यू और ट्रिब्यूनल के पास जाने का अधिकार है, लेकिन बिल यह नहीं बताता कि उस व्यक्ति को क्यों और कब आतंकी घोषित किया. किस चरण में आप किसी को आतंकी मान लेंगे, FIR के वक्त, चार्जशीट के बाद, ट्रायल के बाद इस पर बिल में सफाई नहीं है. हमारे कानून में तो दोषी ठहराए जाने तक हर व्यक्ति निर्दोष है.

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ऐसे में आप ट्रायल के दौरान ही किसी को आतंकी घोषित कर सकते हैं. बिल में यह प्रावधान लाने का कोई मतलब नहीं है, कल को आप किसी अर्बन नक्सल को भी आतंकी बता सकते हैं. इसके बाद तो उसकी जिंदगी खराब होनी ही है.

राज्यसभा में UAPA बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में सजा की दर काफी कम है. साथ ही कई मामले लंबित पड़े हैं. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में ट्रायल नहीं होता और बेल भी नहीं मिलती, निर्दोष लोग कई सालों तक जेल में रहते हैं.

सिब्बल ने कहा कि पोटा में एक 12 साल के बच्चे को आरोपी दिखाया गया था. हर प्रदेश में इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है. आतंकवाद से लड़ाई हम सभी चाहते हैं, लेकिन यह भी जान लें कि जमीन पर क्या होता है. ऐसे विधेयकों के विवादित प्रावधानों को कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए वरना फिर इन विधेयको को कोर्ट में चुनौती मिलती रहेगी. हमें उससे पहले ही इनकी खामियों को दूर कर लेना चाहिए.

राज्यसभा में UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) बिल पर आगे की चर्चा शुक्रवार को होगी. गृहमंत्री अमित शाह बिल पर अपना पक्ष रखेंगे. फिलहाल गुरुवार तक की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है.

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