
भाजपा सांसद उदित राज ने कहा है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में वृद्धि हुई है, क्योंकि अब कोई डर नहीं रह गया है.
संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जलगांव एवं मेहसाणा में जो भी हुआ है उससे यही लगता है कि गुनहगारों में सजा का बिल्कुल खौफ नहीं है. बता दें कि महाराष्ट्र के जलगांव और गुजरात के मेहसाणा में हाल में हुए दो अलग- अलग मामलों में तीन दलित लड़कों को बुरी तरह पीटा गया. उन्होंने कहा कि मोदी, मायावती या फिर लालू सत्ता में चाहे जो भी हो, दलितों के खिलाफ अत्याचार जारी रहता है.
इसके साथ ही उदित ने अनुबंध (कॉन्ट्रेक्ट) की सभी नौकरियों में आरक्षण की वकालत करते हुए नौकरशाही में संयुक्त सचिव (जॉइंट सेक्रेटरी) स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की सरकार की सीधी भर्ती योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और साथ ही सरकार के सामने ये मामला उठाएंगे.
उदित ने कहा कि, 'मैं संयुक्त सचिवों की नियुक्ति में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की खातिर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलूंगा.’
उच्च न्यायपालिका में भी की आरक्षण की मांग
उदित ने उच्च न्यायपालिका में भी आरक्षण की मांग की. उन्होंने कहा कि दलित समुदाय अपने खिलाफ अत्याचार के मामलों में फैसलों को लेकर उससे नाराज है. उन्होंने राजस्थान के भंवरी देवी सामूहिक बलात्कार मामले में कहा, ‘दलितों के साथ अत्याचार के मामलों में उच्च न्यायपालिका के फैसलों को लेकर समुदाय में काफी आक्रोश है.’