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वेबसाइट का दावा- नाम बदलकर किया गया था नेताजी का अंतिम संस्कार

वेबसाइट bosefiles.info के मुताबिक, नेताजी की मौत से जुड़ा यह सबूत यूके फॉरेन ऑफिस की फाइल नंबर एफसी 1852.6 में रखा है, जो 1956 में दिया गया. वेबसाइट ने दावा किया है क वह जल्द ही इसे जारी करेगी.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कहा कि उनकी सरकार सुभाष चंद्र बोस की गुमशुदगी के रहस्य को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार 23 जनवरी को नेताजी से जुड़ी फाइलों को सावजर्निक करेगी, वहीं इससे पहले ब्रिटिश वेबसाइट ने खुलासा किया है कि ताइवान के एक अफसर ने 1945 में नेताजी की मौत के बाद इचिरो ओकुरा नाम से उनका अंतिम संस्कार किया गया था.

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वेबसाइट bosefiles.info के मुताबिक, नेताजी की मौत से जुड़ा यह सबूत यूके फॉरेन ऑफिस की फाइल नंबर एफसी 1852.6 में रखा है, जो 1956 में दिया गया. वेबसाइट ने दावा किया है क वह जल्द ही इसे जारी करेगी.

बताया जाता है कि नेताजी के अंतिम संस्कार से जुड़े सबूत देने वाले ताइवान के उस समय के अफसर तान ती-ती ने ताइपेई में अंतिम संस्कार की इजाजत दी थी. इस पूर्व अफसर ने नेताजी के अंतिम संस्कार के बारे में किसी भी विवाद को खारिज किया है.

गौरतलब है कि वेबसाइट इससे पहले दावा कर चुकी है कि नेताजी की प्लेन क्रेश में ही मौत हुई थी. जबकि भारत सरकार की दो जांचों में बोस की मौत पर रहस्य जैसी बात सामने आती रही है.

1956 में भारत सरकार को भेजी रिपोर्ट
तान ती-ती के मुताबिक विमान हादसे में नेताजी की मौत की बात एकदम सच है. वेबसाइट पर डाली गई फाइल में ब्रिटिश फॉरेन अफेयर डिपार्टमेंट को भेजी गई ताइवान पुलिस की रिपोर्ट दिल्ली स्थित ब्रिटिश हाईकमिश्नर ने जुलाई 1956 में भारत सरकार को भेजी थी. ब्रिटेन ने ताइवान से कहा था नेताजी की मौत की जांच करे.

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ताइवान में ब्रिटेन कॉनस्युलेट के राजदूत अल्बर्ट फ्रैंकलिन ने 15 मई 1956 को ताइवान सरकार को चिट्ठी लिखकर बोस की मौत की जांच करवाने को कहा था. इस मामले में ताइवान की राज्य सरकार के चेयरमैन सीके येन ने 27 जून 1956 को नेताजी के प्लेन हादसे में हुई मौत से जुड़ी पुलिस रिपोर्ट ब्रिटिश कॉन्स्युलेट को भेजी थी.

सैन्य अधिकारी लेकर आया था पार्थिव शरीर
रिपोर्ट में ताइवान के अफसर तान ती-ती का इंटरव्यू भी था, जिसमें कहा गया कि बोस का अंतिम संस्कार 22 अगस्त 1945 को किया गया. तान के मुताबिक 22 अगस्त को नेताजी के पार्थि‍व शरीर के साथ आए जापान के एक सैन्य अधि‍कारी ने कहा, 'यह इंडियन लीडर सुभाष चंद्र बोस की बॉडी है. जो एक अहम काम से टोक्यो जाते समय हुए प्लेन क्रेश में घायल हो गए थे.' तान ती-ती के मुताबिक इससे एक दिन पहले 21 अगस्त को उसी जापानी अफसर ने किसी इचिरो ओकुरा नाम के शख्स का डेथ सर्टिफिकेट उन्हें सौंपा था.

बताया जाता है कि इसके बाद ताइवान सरकार के चेयरमैन येन ने ब्रिटिश कॉन्स्युलेट में फ्रैंकलिन को बताया कि सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान ताइवान में बोस के पार्थि‍व शरीर को बिना परिजनों की मौजूदगी में एक सैन्य अस्पताल से जारी डेथ सर्टिफिकेट के आधार पर अंतिम संस्कार की मंजूरी दे दी गई है.

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एक भारतीय भी पहुंचा था अंतिम संस्कार के लिए
ताइवान के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कहा गया, 'ताइवान के एक हेल्थ सेंटर में नेताजी के अंतिम संस्कार का रजिस्टर है. इसके मुताबिक बोस का अंतिम संस्कार इचिरो ओकुरा के नाम से किया गया था. तान ती-ती ने इस बात की भी पुष्टि‍ की कि नेताजी के अंतिम संस्कार के दिन वही जापानी सैन्य अफसर कार में एक भारतीय के साथ अंतिम संस्कार के लिए तय जगह पर पहुंचा था.'

जापानी सैन्य अधि‍कारी के साथ कार में बैठे उस भारतीय को बोस का एडीसी कर्नल हबीबउर रहमान माना जाता है, जो कथित प्लेन क्रैश में बच गए थे.

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