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राज्यसभा में सूखे पर चर्चा, उमा भारती बोलीं- हिमालयी इलाकों में भी जल संकट

देश के 11 राज्यों में सूखे की हालत के बीत राज्यसभा में बुधवार को इस पर चर्चा की गई. जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया हुआ है कि पसीना बहाओ पर किसी भी हालत में सूखे से निपटो. सूखे से निपटने की हमारी पूरी तैयारी है.

उमा भारती ने कहा कि हम सूखा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं उमा भारती ने कहा कि हम सूखा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं
केशव कुमार/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 8:17 PM IST

देश के 11 राज्यों में सूखे की हालत के बीत राज्यसभा में बुधवार को इस पर चर्चा की गई. जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया हुआ है कि पसीना बहाओ पर किसी भी हालत में सूखे से निपटो. सूखे से निपटने की हमारी पूरी तैयारी है.

हिमालय क्षेत्रों में भी जल संकट
उमा भारती ने कहा कि साल 2004 के बाद 2009 में सूखा पड़ा था. फिर साल 2014 से देश में सूखे का कहर बरप रहा है. देश के जलाशयों में 45.8 घन क्यूबिक मीटर पानी की कमी है. उन्होंने कहा कि सबसे हैरत की बात है कि यह है कि हिमालय क्षेत्रों में भी जल संकट पैदा हो गया है. देश के 10 से ज्यादा राज्यों में सूखे की समस्या है. तीन राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में जल स्रोतों को बनाने, बचाने और उपयोगिता बढ़ाने की मुहिम चल रही है.

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महाराष्ट्र के लिए आईबीपी योजना में 10 हजार करोड़
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को इससे निपटने के लिए केंद्र ने 10364 करोड़ रुपये दिए हैं. वहां के प्रोजेक्ट पूरे हुए लगभग 6 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी. आईबीपी योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. हम हिवड़े बाजार से पानी बचाने की प्रेरणा ले रहे हैं. बीएसपी सांसद राजपाल सिंह यादव से सरकार से बुंदेलखंड सहित सूखाग्रस्त इलाकों के किसानों की कर्ज माफी की मांग की.

मन की बात करनेवाले पीएम मन की पीड़ा सुनें
सदन में कांग्रेस सदस्य अहमद पटेल ने सरकार पर कथनी और करनी में अंतर रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सूखे की आशंका पहले से थी, लेकिन समय रहते जरूरी उपाय नहीं किए गए. यूपीए सरकार ने पूरी कुशलता से इसका सामना किया था. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मन की बात करते हैं, वह लोगों के मन की पीड़ा भी सुनें.

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मेक इन इंडिया से ज्यादा जरूरी जल संरक्षण
जेडीयू सासंद शरद यादव ने सरकार से जल संसाधन को समवर्ती सूची से निकाल कर केंद्रीय सूची में डालने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने इसे समवर्ती सूची में रखकर भूल की है. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया से ज्यादा जरूरी है जल संरक्षण. जल संकट का सबसे बडा कारण जल स्रोतों की उपेक्षा करना है. जल संकट पर राज्यों में संघर्ष बढ़ रहा है.

सूखा मुक्त होगा तभी कांग्रेस मुक्त होगा देश
शिवसेना सांसद ने इस बीच कहा कि देश सूखा मुक्त होगा तभी कांग्रेस मुक्त भी होगा. भूखे आदमी के लिए भारत माता की जय का कोई मतलब नहीं रहता. अच्छे दिन का सही असर तभी दिखेगा जब सूखे इलाकों में भी पानी आएगा. राउत ने कहा कि एक लाख रुपये के मुआवजे के लिए कोई आत्महत्या नहीं करता.

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