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केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने हिंदी को लेकर एक कार्यक्रम के दौरान मंच से अधिकारियों को फटकार लगा दी. उमा ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर नमामि गंगे योजना के अंतर्गत यमुना के पुनरुद्धार पर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
अंग्रेजी में योजना बताने में हुई दिक्कत
इस मौके पर दिल्ली के आईटीओ स्थित छठ घाट पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने मंच संभाला हुआ था. करीब साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए की योजना का ऐलान करते हुए मंत्री जब डिटेल बताने लगीं, तो अधिकारियों की अंग्रेजी में लिखी योजना पढ़ने में समय लगा. पहले तो उन्होंने कहा कि मेरे साथ दिक्कत ये है कि मैं या तो एक समय में पढ़ सकती हूं और या बोल सकती हूं. दोनों काम बाकी मंत्रियों की तरह एक साथ मुझसे नहीं होते.
मीडिया के सामने अधिकारियों को समझाया
इस दौरान वे कुछ देर चुप रहीं और फिर मंच पर बैठे नमामि गंगे के मिशन डायरेक्टर रजत भार्गव की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि मैं इन अधिकारियों से कई बार कह चुकी हूं कि काम हिंदी में होना चाहिए मगर ये हैं कि सुनते नहीं. आज तक बंद कमरे में कहा है और आज मीडिया के सामने कह रही हूं कि अगली बार से मुझे जानकारी हिंदी में चाहिए. आप लोग अंग्रेजी का उपयोग करें लेकिन मुझे हिंदी में दें.
स्थानीय भाषा का हो प्रयोग
कहां तो कार्यक्रम यमुना और गंगा की सफाई पर चल रहा था और कहां बात हिंदी अंग्रेजी के अखाड़े में पहुंच गई. बहरहाल, उमा भारती के बदले तेवर पर अधिकारी बगलें ताकने लगे तो उमा भारती ने माहौल हल्का करने के लिए कहा कि बंगाल में बांग्ला, तमिलनाडु में तमिल, कर्नाटक में कन्नड़ होनी चाहिए भाई. ऐसा नहीं कि हर जगह हिंदी हो लेकिन जहां की जो स्थानीय भाषा है, उसका प्रयोग होना चाहिए. लगे हाथ उमा भारती ने जापान और इजरायल की मिसाल भी दे डाली जो पिछली मीटिंगों में उनके साथ दुभाषिये लेकर आए थे लेकिन अंग्रेजी का उपयोग नहीं किया.