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केंद्रीय खाद्य मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने स्पष्ट किया है कि खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन घोषित किए जाने की योजना नहीं है. बल्कि विश्व रिकॉर्ड के लिए इसे भारत की एंट्री दी गई है. खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन घोषित करने संबंधी मीडिया रिपोर्टों पर केंद्रीय खाद्य मंत्री ने ये सफाई दी.
क्या है मामला?
दरअसल बुधवार को ये खबर आई थी कि खिचड़ी को सरकार राष्ट्रीय भोजन घोषित करने जा रही है. लेकिन कहानी कुछ और है. इसमें शक नहीं है कि पारंपरिक इंडियन डिश खिचड़ी भारत के लोगों का फेवरेट खाना है. इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने के लिए शेफ संजीव कपूर 4 नवंबर, 2017 को भारत गेट लॉन्स में 800 किलो खिचड़ी बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करेंगे.
कौन कर रहा है आयोजन?
इसे खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और सीआईआई संयुक्त रूप से आयोजित कर रहे हैं. शेफ संजीव कपूर को ग्रेट इंडिया फूड स्ट्रीट का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. खिचड़ी बनाने के लिए 1,000 लीटर और 7 फीट व्यास की क्षमता की कड़ाही का उपयोग किया जाएगा.
खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन के रूप में घोषित करने के लिए मांग की गई थी. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने स्पष्ट किया कि खिचड़ी वर्ल्ड फूड इंडिया के आयोजन में सिर्फ एक रिकॉर्ड है. खिचड़ी नेशनल डिश नहीं होगी.
पूरे कार्यक्रम के दौरान खिचड़ी को 'ब्रांड इंडिया फूड' के रूप में प्रमोट किया जाना है. ब्रांड इंडिया खिचड़ी की रेसीपी भारतीय विदेश मिशनों द्वारा लोकप्रिय किया जाएगा.
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक खिचड़ी
हरसिमरत कौर बादल ने कहा, 'खिचड़ी को भारत का स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. यह भारत के हर हिस्से में खाई जाती है. चाहे गरीब हो या अमीर, सभी लोग इसे खाते हैं. हर जाति और धर्म के लोग इसे बनाते हैं.'
60,000 अनाथ बच्चों को बांटी जाएगी खिचड़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, खिचड़ी को लगभग 60,000 अनाथ बच्चों के साथ-साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित मेहमानों को बांटी जाएगी. खिचड़ी को भारत में विदेशी मिशनों के प्रमुखों को रेसिपी के साथ दी जाएगी.