
देशभर में दलितों के हो रहे आंदोलन पर सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत का कहना है कि सरकार SCST और पिछड़े वर्ग के हितों के लिए जो भी कर सकती है, वो करेगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है. गहलोत के मुताबिक सरकार ये याचिका पहले ही दाखिल करने वाली थी, लेकिन कोर्ट की छुट्टियां होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया.
'पहले ही डालने वाले थे पुनर्विचार याचिका'
सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा, 'इस संबंध में मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही तुरंत संज्ञान लिया और 8 दिन पहले ही पुनर्विचार याचिका डालने का निर्णय लिया था और आगे कार्रवाई शुरू कर दी थी. मेरे मंत्रालय और विधि मंत्रालय ने एडवोकेट जनरल के साथ विचार-विमर्श करके मैटर तैयार किया और छुट्टी होने के कारण पहले रिव्यू पिटीशन नहीं डाल पाए. आज याचिका दायर की गई है, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि मोदीजी के नेतृत्व में और जब-जब BJP की सरकार रही है. हमने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के हितों के सरंक्षण का काम किया है.'
'आंदोलन जनता का अधिकार, लेकिन शांति भंग नहीं होनी चाहिए'
थावरचंद गहलोत का कहना है, 'अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने भी हमेशा पिछड़े वर्गों के लिए काम किया, उनके हितों की बात की. एट्रोसिटी कानून की खामियां भी मोदी सरकार ने ही दूर की. जहां तक का आंदोलन की बात है, तो आंदोलन करना जनता का संवैधानिक अधिकार है. लेकिन आंदोलन शांतिपूर्वक होना चाहिए, उद्देश्य की प्राप्ति के लिए होना चाहिए. आंदोलन राज्यों में हो रहा है और राज्यों की कानून व्यवस्था राज्य के हाथ में है. इसलिए राज्य इस पर आवश्यक कार्रवाई करेंगे.'
SC/ST और पिछड़ों की हितैषी है BJP
थावरचंद गहलोत का कहना है कि भारत सरकार की ओर से वे आश्वस्त करना चाहता हैं कि सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के हितों के लिए प्रयासरत है. राहुल गांधी के बयान पर थावरचंद गहलोत ने कहा, 'मैंने जो उदाहरण दिए हैं. वह इस बात को सिद्ध करते हैं कि इस देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग की सर्वाधिक हितैषी कोई राजनीतिक पार्टी है, तो वो बीजेपी है. मैं राहुल गांधी सेआग्रह करना चाहूंगा कि उन्हें सकारात्मक विरोध पक्ष की भूमिका निभाने के रास्ते पर चलना चाहिए.'