
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि उसकी मंशा अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने के बारे में जल्द ही आदेश देने की है. न्यायालय ने संबंधित पक्षकारों से इस विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिए संभावित मध्यस्थों के नाम उपलब्ध कराने को कहा है. इस बीच केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि जैसे मक्का-मदीना में मंदिर नहीं बन सकता और वेटिकन में मस्जिद नहीं बन सकती वैसे ही अयोध्या में मंदिर के सिवा और कुछ नहीं बन सकता है.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई. चन्द्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने संबंधित पक्षकारों से कहा कि वे आज ही संभावित नाम उपलब्ध कराएं. पीठ ने कहा कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने या नहीं भेजने के बारे में इसके बाद ही आदेश दिया जाएगा. निर्मोही अखाड़े के अलावा अन्य हिन्दू संगठनों ने इस मामले को मध्यस्थता के लिए भेजने के न्यायालय के सुझाव का विरोध किया जबकि मुस्लिम संगठनों ने सुझाव का समर्थन किया. हालांकि बाद में हिंदू महासभा मध्यस्थता के लिए तैयार हो गया.
कोर्ट की टिप्पणी पर राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. जहां उमा भारती ने अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर बयान दिए वहीं बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता एक निष्फल अभ्यास है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, आयोध्या में विवादित भूमि सरकार की है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या भूमि विवाद में मध्यस्थता का विरोध किया, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की प्रकृति को देखते हुए यह उचित नहीं है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा ने शीर्ष कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. संविधान पीठ ने कहा कि यह विवाद दो धर्मों की पूजा अर्चना से जुड़ा हुआ है. लिहाजा इसे कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थ के जरिए सुलझाने की पहल की जानी चाहिए. पीठ ने कहा था कि मुख्य मामले की सुनवाई 8 हफ्ते के बाद होगी तब तक आपसी समझौते से विवाद को सुलझाने का एक प्रयास किया जा सकता है. इस पर रामलला विराजमान और हिन्दू महासभा ने विरोध जताया था, जबकि मुस्लिम पक्ष और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा था कि वो आपस में बातचीत करने के लिए तैयार हैं.