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कांग्रेसी नेता का दावा: राहुल के खिलाफ अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरने गया तो लौटाया

अली का कहना है कि वो 3 दिसंबर को दिल्ली में ‘24 अकबर रोड’ स्थित कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कराने गए थे. अली का दावा है कि उन्होंने 2 सेट में अपना नामांकन कांग्रेस की चुनाव समिति के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन को सौंपा.

अयूब अली अयूब अली
मौसमी सिंह/सना जैदी/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:03 PM IST

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने का औपचारिक ऐलान होना ही बाकी रह गया है. सूत्रों के मुताबिक 14 दिसंबर को वे अपने निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने का सर्टिफिकेट हासिल करेंगे. गुजरात चुनाव और कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की गहमागहमी के बीच ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले अयूब अली ने चौंकाने वाला बयान दिया है.   

अली का कहना है कि वो 3 दिसंबर को दिल्ली में ‘24 अकबर रोड’ स्थित कांग्रेस दफ्तर में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कराने गए थे. अली का दावा है कि उन्होंने 2 सेट में अपना नामांकन कांग्रेस की चुनाव समिति के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन को सौंपा. अली के मुताबिक वो यही साबित करना चाहते थे कि कांग्रेस पर वशंवाद को बढ़ावा देने की जो तोहमत लगाई जाती है वो गलत है और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र बरकरार है. अली का कहना है कि वो ये जताना चाहते थे कि कांग्रेस में सभी को बराबर मौका मिलता है.   

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अयूब अली का कहना है कि ‘24 अकबर रोड’पर उनके साथ जो बर्ताव हुआ उससे वह निराश हुए. पहले जब वह रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचे तो उनको बोला गया कि प्रस्ताव पत्र में आप हस्ताक्षर कर सकते हैं. लेकिन जब अली ने ये बताया कि वो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने आए हैं तो वहां बैठे तमाम अधिकारी चौक गए. अली का दावा है कि उनसे कहा गया कि ये मुमकिन नहीं है. सिर्फ राहुल गांधी का ही नामांकन भरा जाएगा. अली के मुताबिक इसके बाद उनके पास मौजूद दस्तावेज ले लिए गए और कांग्रेस दफ्तर के बाहर जाने के लिए कहा गया.

अली के पास हालांकि नामांकन पत्र भरने की कोई भी रसीद नहीं है. उनका दावा है कि रसीद मांगने के बावजूद भी उनको रसीद नहीं दी गई और लोग उनको घेर के खड़े हो गए इसलिए उनको वहां से जाना पड़ा. हालांकि अली ने कांग्रेस दफ्तर से बाहर निकलते वक्त अपनी तस्वीर को दस्तावेज के साथ ट्वीट किया है.

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अली के मुताबिक वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और 1990 से पार्टी के साथ जुड़े हैं. उनका कहना है कि वे शाहजहांपुर और उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव भी रह चुके हैं. अली के मुताबिक उनका मानना है कि वे सोनिया गांधी को अपना नेता मानते हैं, जब राहुल गांधी अध्यक्ष बन जाएंगे तो उनको भी अपना नेता मानेंगे. अली ने इतना जरूर कहा कि जिस तरह का बर्ताव उनके साथ हुआ उससे वे आहत हैं.  

अयूब अली ने कहा कि सोनिया गांधी मेरी नेता हैं, और कल राहुल गांधी अध्यक्ष बनते हैं तो वह मेरा नेता होंगे. उन्होंने कहा कि मुलापल्ली अगर मेरे सामने कह दें कि मैंने नामांकन नहीं दिया तो जो चाहें वो मेरी सजा होगी. मैंने कांग्रेस के प्रेस हॉल में नामांकन दिया.

बता दें कि कांग्रेस इलेक्शन अथॉरिटी ने अपनी प्रेस रिलीज में यह साफ किया था कि राहुल गांधी नामांकन पत्र दाखिल करने वाले अकेले शख्स हैं. ऐसे में अयूब अली का कहना है कि अगर उनका नामांकन औपचारिक प्रक्रिया की वजह से रिजेक्ट हुआ तो इसका जिक्र होना चाहिए था मगर ऐसा नहीं हुआ.

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