Advertisement

योगी सरकार ने दिया 4236 करोड़ का बजट, यह है अब तक का सबसे महंगा कुंभ

यूपी की योगी सरकार ने इस बार के कुंभ मेल के लिए 4200 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट आवंटित किया है. एक अनुमान के अनुसार यह अब तक किसी भी कुंभ के आयोजन के लिए खर्च की जा रही सबसे ज्यादा रकम है.

कुंभ मेले का विहंगम दृश्य कुंभ मेले का विहंगम दृश्य
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

यूपी की योगी सरकार ने प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले के लिए 4236 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. यह साल 2013 के महाकुंभ के बजट का तीन गुना है. यही नहीं, यह अब तक का सबसे महंगा कुंभ है, इतना बजट अभी तक किसी भी कुंभ के लिए आवंटित नहीं हुआ है, चाहे वह अर्द्ध कुंभ हो या पूर्ण कुंभ.

Advertisement

गौरतलब है कि इस साल प्रयागराज में कुंभ का आयोजन हो रहा है, वह अर्द्ध कुंभ ही है जो हर छह साल पर होता है. महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है. प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, 'यूपी सरकार ने कुंभ मेले के लिए 4,236 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. पिछली सरकार ने महाकुंभ पर 1,300 करोड़ रुपए खर्च किए थे. हमने इस राशि से तीन गुने अधिक का आवंटन किया है.' 

यही नहीं, उन्होंने बताया कि कुछ अन्य विभागों ने अपनी ओर से धन का आवंटन किया है. अग्रवाल ने बताया कि इस बार कुंभ मेले का क्षेत्र भी दोगुना यानी 3200 हेक्टेअर किया गया है. उन्होंने बताया कि इस राशि में से प्रदेश सरकार करीब 2000 करोड़ और केंद्र सरकार करीब 2,200 करोड़ देगी. इतना पैसा भारत के किसी भी धार्मिक आयोजन में खर्च नहीं होता है.

Advertisement

कुंभ मेला 2019 की शुरुआत 15 जनवरी को शाही स्नान से हुई और यह 4 मार्च तक चलेगा. यह पूरा मेला करीब 32 वर्ग किमी तक फैला हुआ है और इसमें करीब 15 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ उनकी सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कुंभ के लिए जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था है. सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे कुंभ की निगरानी रखी जा रही है.

यूपी सरकार ने कुंभ के लिए प्रयागराज में 247 किमी. सड़कें, 5.63 लाख वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा, 1,22,500 टॉयलेट और 58 पुलिस चौकियां बनाई हैं. मेले में 2,132 चिकित्सा कर्मियों और करीब 20,000 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. इनके अलावा सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में होमगॉर्ड्स, पीएसी कंपनी और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं.

कुंभ मेला को हिन्दू तीर्थयात्राओं में सबसे पावन माना जाता है. यह मेला गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है. ऐसी मान्यता है कि त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर किसी व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं. यह मेला मकर संक्रांति (माघ मास का पहला दिन, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है) से आरंभ होता है. कुंभ मेला के आरंभ के दिन से ही कई निश्चित तिथियों पर शाही स्नान का आयोजन किया जाता है, जिसे ‘राजयोगी स्नान’ के रूप में भी जाना जाता है. इसमें विभिन्न अखाड़ों के सदस्यों, संतों और उनके शिष्यों की आकर्षक शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. शाही स्नान के बाद ही आम जनता को स्नान करने की इजाजत होती है.

Advertisement

(with businesstoday.in and PTI input)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement