Advertisement

स्वामी के दो दिन, दो बयान, दोनों रिकॉर्ड से बाहर

बुधवार को गुरुवार को दोनों ही दिन राज्यसभा के रिकॉर्ड से उपसभापति को हटाना पड़ा सुब्रमण्यम स्वामी का बयान.

राज्यसभा में सुब्रमण्यम स्वामी राज्यसभा में सुब्रमण्यम स्वामी
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

संसद में हंगामा पहले भी बरपा है. शोर अब भी मच रहा. लेकिन बुधवार और गुरुवार की राज्यसभा की कार्यवाही इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील ने ऊपरी सदन में अल्पमत में बैठी बीजेपी को बड़ा मुद्दा दिया है, वहीं दो दिनों से सदन के अंदर और बाहर हर किसी की नजर एक ही शख्स पर है. लेकिन परेशानी यह भी है कि दोनों ही दिन इस एक माननीय ने दो ऐसे बयान दिए, जिसे सदन के रिकॉर्ड से हटाना मजबूरी हो गई.

Advertisement

राज्यसभा में सुब्रमण्यम स्वामी ने एंट्री की धमाकेदार रही है. बुधवार को पहले दिन हेलीकॉप्टर डील में उन्होंने सोनिया गांधी का नाम ले लिया, जिस पर खूब हंगामा हुआ. मार्शल बुलाए गए. कार्यवाही स्थगित हुई. हालात ऐसे बने कि उपसभापति को स्वामी का बयान रिकॉर्ड से हटाना पड़ा. जबकि गुरुवार को उन्होंने अलीगढ़ मुस्ल‍िम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर सरकार के रवैये पर सलीम के बयान के बाद कुछ असंसदीय टिप्पणी कर दी, जिसके बाद एक बार‍ फिर हंगामा हुआ. विपक्ष बुधवार की तरह वेल में आ गया. इस बार मार्शल तो नहीं बुलाए गए, लेकिन स्वामी के बयान को एक बार फिर कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया.

बीजेपी का ट्रंप कार्ड या फिजूल की फजीहत
बीजेपी ने राज्यसभा में कांग्रेस की खिलाफत का मोर्चा सुब्रमण्यम स्वामी को सौंपा है. यही कारण है कि स्वामी पहले दिन से ही फॉर्म में हैं. लेकिन उनके तेवर को देखकर अब विपक्ष ने भी आवाज बुलंद कर दी है. कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'यह सदन को बीजेपी का उपहार है. स्वामी पिछले दो दिन में ही दो बार असंसदीय टिप्पणी कर चुके हैं. ऐसी टिप्पणियों को कितनी बार हटाया जा सकता है. इन्हें सड़क और संसद में इस्तेमाल होने वाले शब्दों के बीच का अंतर नहीं पता.'

Advertisement

इधर स्वामी खड़े हुए, उधर विपक्ष
बुधवार की गहमागहमी के बाद गुरुवार को सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यसभा में जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम अली आजाद ने इस पर कहा कि यह सदन को बीजेपी का उपहार है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर सरकार के रवैये पर समाजवादी पार्टी सदस्य मुनव्वर सलीम ने स्वामी का नाम लिया था, जिसके जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कुछ असंसदीय टिप्पणी की. इस पर पूरा विपक्ष वेल में आ गया और जमकर हंगामा करने लगा.

गौरतलब है कि केंद्रीय नेतृत्व के राज्यसभा के लिए मनोनीत करने के बाद मंगलवार को सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा सदस्य बनाया गया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement