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चीन को साधने के लिए भारत के साथ सामरिक संबंध मजबूत करने की कोशिश में US

भारत और अमेरिका के बीच लॉकहीड मार्टिन कंपनी की तरफ से भारत में F-16 फाइटर प्लेन बनाने की पेशकश पर भी बात भी की जाएगी. बता दें कि कंपनी ने यह पेशकश प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' कैंपेन के तहत भारत में घरेलू सैन्य औद्योगिक आधार बनाने के लिए दिया है.

अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और पीएम मोदी अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और पीएम मोदी
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:01 PM IST

अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस अपने तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं. मंगलवार को मैटिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा कुछ अन्य भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया. मुलाकात के दौरान अमेरिका द्वारा भारत को फाइटर जेट और सर्विलांस ड्रोने बेचे जाने की बात भी की गई.

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गौरतलब है कि दक्षिण एशिया में लगातार बढ़ रहे चीन के प्रभाव के चलते ही अमेरिका फिलहाल भारत के साथ अपने सामरिक संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि अमेरिका में ट्रंप के सत्तारूढ़ होने के बाद मैटिस ट्रंप कैबिनेट के पहले शख्स हैं जो भारत दौरे पर आए हैं. मैटिस की भारतीय अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के टॉप एजेंडे में 22 सी गार्जियन ड्रोन एयरक्राफ्ट की सप्लाई भी शामिल है. गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने जून में ही भारतीय नौसेना के लिए इस सर्विलांस ड्रोन की डील को अपनी अनुमति दी है. खास बात ये है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब गैर नाटो सदस्य मुल्क के लिए अमेरिकी सरकार ने इसकी सप्लाई की अनुमति दी है.

चीन की पनडुब्बियां और समुद्री जहाज नियमित तौर पर हिंद महासागर का चक्कर लगाते रहते हैं. इस वजह से भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर के सर्विलांस के लिए मानवरहित ड्रोन की मांग की थी. इधर अमेरिका दक्षिण चीन महासागर में चीन की बढ़ती सामरिक ताकत को लेकर भी चिंतित है. अमेरिका ने भारतीय नौसेना के साथ इस इलाके में जॉइंट पेट्रोलिंग का प्रस्ताव दिया था जिसे भारत ने ठुकरा दिया था.

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इसके अलावा भारत और अमेरिका के बीच लॉकहीड मार्टिन कंपनी की तरफ से भारत में F-16 फाइटर प्लेन बनाने की पेशकश पर भी बात भी की जाएगी. बता दें कि कंपनी ने यह पेशकश प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' कैंपेन के तहत भारत में घरेलू सैन्य औद्योगिक आधार बनाने के लिए दिया है.

इस बारे में अमेरिकी रक्षा मंत्री मैटिस ने कहा, "हम अपनी सबसे उन्नत रक्षा तकनीकों को साझा करने के लिए उत्सुक हैं." यहां आपको यह भी बता दें कि पिछले कुछ सालों में भारत और अमेरिका के संबंधों में काफी प्रगति देखी गई है. इस दौरान भारत ने अमेरिका से 15 अरब डॉलर से अधिक के हथियार भी खरीदे हैं.

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