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US में कमला हैरिस की उम्मीदवारी, दिल्ली में मामा के घर पर जश्न

उन्होंने कहा कि मैंने अपनी भांजी को बधाई संदेश भेजा है, जिसमें कहा है कि अपनी मां की बातों का ध्यान रखना. उन्होंने बताया कि कमला भारतीय परंपरा के मुताबिक अपनी मां की अस्थियां बंगाल की खाड़ी में विसर्जित करने के लिए भारत आईं थीं.

डेमोक्रेट उपराष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस डेमोक्रेट उपराष्ट्रपति उम्मीदवार कमला हैरिस
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 9:26 PM IST
  • कमला डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति उम्मीदवार
  • भारत में कमला की उम्मीदवारी पर मन रहा जश्न
  • दिल्ली स्थित उनके मामा के घर में खुशी का माहौल

 

भारतीय मूल की कमला हैरिस को अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है. इस पद पर चुनाव लड़ने वाली कमला हैरिस पहली एशियाई-अमेरिकी हैं. उनके उम्मीदवारी की घोषणा पर दिल्ली में रह रहे उनके मामा ने कहा कि यह एक एतिहासिक पल है. उन्होंने कमला की जीत की उम्मीद जताई है.

कमला हैरिस के मामा गोपालन बालचंद्रन ने इस एतिहासिक मौके पर समाचार एजेंसी पीटीआई से बात की. उन्होंने कहा, ''मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. हमारे पूरे परिवार के लिए गौरव का क्षण है. अगर आज कमला की मां जीवित होती तो उसे बहुत खुशी होती, क्योंकि कमला के जीवन और करियर पर उसकी मां का जबरदस्त प्रभाव है. हालांकि उसकी उम्मीदवारी की घोषणा पर मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ."

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कमला हैरिस के मामा बालचंद्रन के दिल्ली स्थित मालवीय नगर के घर में बुधवार को पत्रकारों की लाइन लगी हुई थी. सभी कमला की उम्मीदवारी पर उनसे प्रतिक्रिया लेने आए थे. उनके यहां बधाई देने के लिए लगातार फोन काल आ रही थी.  

ये भी पढ़ें: US: भारतीय मूल की कमला हैरिस बनीं उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, ओबामा ने भी की जमकर तारीफ

कमला हैरिस कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व करने वाली 55 वर्षीय सीनेटर हैं. उन्हें जो बिडेन ने डेमोक्रेट पार्टी का उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है. कमला हैरिस के पिता, डोनाल्ड हैरिस, जमैका से थे और उनकी मां श्यामला गोपालन भारत से थीं. कमला की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद जहां अमेरिका में भारतीय खुशियां मना रहे हैं तो वहीं हजारों किलोमीटर दूर भारत के दक्षिण दिल्ली में उनके मामा.

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उनके मामा और पूर्व पत्रकार गोपालन ने कहा, ''कमला की जीत भारतीय-अमेरिकी समुदाय के और अधिक लोगों को अमेरिकी राजनीति में आने के लिए प्रेरित करेगी. साथ ही उनकी जीत से वहां रह रहे भारतीयों का अमेरिकी प्रशासन के साथ पहुंच बढ़ेगी." 79 वर्षीय गोपालन ने इस मौके पर अपनी बहन को याद किया, जिनकी 2009 में उनकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी भांजी को बधाई संदेश भेजा है, जिसमें कहा है कि अपनी मां की बातों का ध्यान रखना. उन्होंने बताया कि कमला भारतीय परंपरा के मुताबिक अपनी मां की अस्थियां बंगाल की खाड़ी में विसर्जित करने के लिए भारत आईं थीं.

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उन्होंने याद करते हुए बताया, श्यामला बहुत कम उम्र में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले पीएचडी के लिए चली गई थी. वहां वह नागरिक अधिकार के लिए आंदोलनों में भाग लेती थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात उसके होने वाले पति से हुई थी. बालचंद्रन ने कहा कि वे चार भाई-बहन थे. श्यामला सबसे बड़ी थीं, उनके बाद दो और बहनें थीं. उनके पिता पी वी गोपालन एक सरकारी अधिकारी थे और उनका परिवार मूल रूप से तमिलनाडु का रहने वाला है.

उन्होंने बताया कि कमला की मां श्यामला ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी इरविन कॉलेज से बैचलर की डिग्री हासिल की थी. कमला हैरिस के मामा गोपालन बालचंद्रन को उनकी जीत की पूरी उम्मीद है. उन्होने कमला की हॉबी के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें संगीत और किताबें पढ़ना पसंद है और वह थोड़ा बहुत तमिल जानती हैं.

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