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BHU में फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध से जयपुर में भी चिंता

काशी में फिरोज की नियुक्ति का विरोध हो रहा है और दूसरी तरफ इस विरोध की आंच राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी महसूस की जा रही है. फिरोज की नियुक्ति के विरोध से जयपुर में भी चिंता है. विशेषकर वह लोग अधिक चिंतित हैं, जिन्होंने फिरोज को संस्कृत पढ़ाया है, जिन गुरुजनों ने फिरोज को संस्कृत का ज्ञान दिया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 20 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

  • फिरोज को पढ़ाने वाले शिक्षकों ने विवाद पर जताया दुख
  • कहां- पढ़ रहे मुस्लिम बच्चों पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव

उत्तर प्रदेश के वाराणसी का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) इन दिनों फिर से चर्चा में है. सर्वविद्या की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित मालवीयजी की बगिया इस बार चर्चा में है संस्कृत विभाग में एक मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति के कारण. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले छात्र देवभाषा संस्कृत पढ़ाने के लिए मुस्लिम अध्यापक की नियुक्ति का विरोध कर आंदोलन कर रहे हैं.

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काशी में फिरोज की नियुक्ति का विरोध हो रहा है और दूसरी तरफ इस विरोध की आंच राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी महसूस की जा रही है. फिरोज की नियुक्ति के विरोध से जयपुर में भी चिंता है. विशेषकर वह लोग अधिक चिंतित हैं, जिन्होंने फिरोज को संस्कृत पढ़ाई है, जिन गुरुजनों ने फिरोज को संस्कृत का ज्ञान दिया है. फिरोज के घर के पास ही जयपुर के बगरू इलाके में राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय है, जहां उन्होंने दूसरी से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की. इस विद्यालय के शिक्षक काफी दुखी हैं.

इसी स्कूल से फिरोज ने की संस्कृत की पढ़ाई

फिरोज को पढ़ाने वाले शिक्षक दिनेश शर्मा ने नियुक्ति के विरोध पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत के प्रति उसका गहरा लगाव था. यही वजह है कि उसने संस्कृत से पीएचडी कर अध्यापन के क्षेत्र में करियर बनाने का उसने निर्णय लिया. वह कहते हैं कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में उठे विवाद से उनका मन काफी दुखी है. शर्मा ने कहा कि वह डरे हुए भी हैं क्योंकि फिरोज यहां कोई अकेले मुस्लिम छात्र नहीं थे. इस संस्कृत विद्यालय में 30 फीसदी से अधिक छात्र मुस्लिम हैं. यहां पर कई मुस्लिम छात्र संस्कृत में गोल्ड मेडलिस्ट भी निकले हैं. उन्होंने कहा कि इस विवाद का असर स्कूल पर भी पड़ सकता है. बीएचयू की घटना से अन्य छात्र विचलित हो सकते हैं.

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भाषा का धर्म से लेना-देना नहीं

शिक्षकों का कहना है कि भाषा का धर्म से कोई लेना- देना नहीं है और व्यर्थ का विवाद नहीं करना चाहिए. शिक्षकों ने उम्मीद जताई कि फिरोज की नियुक्ति का विरोध करने वाले लोगों को सद्बुद्धि आएगी और वह अपना विरोध वापस लेंगे. शिक्षकों ने कहा कि हमने कभी भी विद्यार्थियों को हिंदू और मुसलमान के नजरिए से नहीं देखा. हम तो समान भाव से उन्हें संस्कृत की शिक्षा देते रहे हैं.  इस स्कूल में पढ़ रहीं मुस्कान बानो और बिलावल खान समेत कई छोटे-छोटे मुस्लिम बच्चों ने भी आज तक से बातचीत के दौरान 'विद्या ददाति विनयम' समेत कई श्लोक सुनाए.

जयपुर संस्कृत कॉलेज में अध्यापक थे फिरोज

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति से पहले फिरोज खान जयपुर के संस्कृत कॉलेज में टीचर थे. कॉलेज के प्राचार्य अर्क नाथ चौधरी ने भी फिरोज की तारीफ की. चौधरी ने कहा कि फिरोज ने इसी कॉलेज से पढ़ाई की और यहीं अध्यापन करने लगे. उन्होंने कहा कि फिरोज के संस्कृत ज्ञान के आगे न कोई छात्र टिकता था और न ही कोई शिक्षक. जयपुर के संस्कृत के अध्ययन और अध्यापन से जुड़े लोगों ने इस विवाद पर दुख व्यक्त करते हुए इसके जल्द समाप्त हो जाने की उम्मीद जताई.

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