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उत्तराखंडः सेना के अफसर ने तीन कुत्तों को पीट-पीटकर मार डाला

प्राथमिकी में कहा गया है कि मेजर थापा की लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ कुछ बहस हुई जिसके बाद उन्होंने आवारा कुत्तों का पीछा करना और उन्हें लोहे के डंडे से मारना शुरू कर दिया जिससे तीन कुत्तों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
नंदलाल शर्मा
  • देहरादून,
  • 18 मई 2017,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

उत्तराखंड में देहरादून के गढ़ी कैंट इलाके में अपने पालतू जानवर के साथ टहलने निकले सेना के एक मेजर ने तीन आवारा कुत्तों को कथित रूप से पीट-पीटकर मार डाला और दो अन्य को घायल कर दिया. इस घटना के एक दिन बाद 12 मई को एक पशु अधिकार संगठन ने गढ़ी कैंट पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई.

इसके मुताबिक इंटेलीजेंस कोर के मेजर मनीष थापा अपने पालतू पशु के साथ 11 मई की शाम को टहलने निकले, जहां उन्होंने एक लेफ्टिनेंट कर्नल को आवारा कुत्तों को खाना खिलाते देखा. प्राथमिकी में कहा गया है कि मेजर थापा की लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ कुछ बहस हुई जिसके बाद उन्होंने आवारा कुत्तों का पीछा करना और उन्हें लोहे के डंडे से मारना शुरू कर दिया जिससे तीन कुत्तों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

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घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने वाली सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनिमल्स की उपाध्यक्ष पूजा बहुखंडी ने बताया कि सेना के अफसर ने इसके बाद कुत्तों के शव का निपटारा भी कर दिया. घटना में घायल दोनों कुत्तों का इलाज चल रहा है.

बहुखंडी ने कहा कि घटना के एक दिन बाद उन्होंने स्वयं मेजर से बात की थी, लेकिन वह अपने किए पर बिल्कुल भी शर्मिंदा नहीं थे. पशु अधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि इसकी बजाय सेना के अफसर ने अपने कृत्य को यह कहते हुए सही ठहराने की कोशिश की कि ऐसा उन्होंने आत्मरक्षा में किया था.

इस संबंध में संपर्क किए जाने पर गढ़ी कैंट पुलिस थाने के प्रभारी शंकर सिंह बिष्ट ने कहा कि सेना के अफसर का अभी बयान नहीं लिया जा सका है, क्योंकि वह छुट्टी पर हैं. सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर 2000 लोगों के दस्तखत वाली एक याचिका भी पोस्ट की गई है, जिसमें सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से आरोपी अफसर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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