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देश में 54 हजार अर्धसैनिक सैनिक बलों की कमी, गृहमंत्री ने कहा- जल्द हो भर्ती

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों यानी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स में खाली पड़े कॉन्स्टेबल के पदों को भरने के लिए 54000 जवानों की भर्ती जल्द ही की जा सकती है.

सुरक्षा बलों के जवान (फोटो-Reuters) सुरक्षा बलों के जवान (फोटो-Reuters)
जितेंद्र बहादुर सिंह/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

अर्धसैनिक बलों में जवानों की कमी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की. इसमें राजनाथ सिंह के अलावा गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर, गृह सचिव राजीव गौबा सहित सभी अर्धसैनिक बलों के डीजी शामिल थे.

बैठक में सभी अर्धसैनिक बलों में खाली पड़े 54,000 सिपाहियों के पद को लेकर के गृह मंत्री ने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि समयबद्ध तरीके से अर्धसैनिक बलों में रिक्त पड़े पदों की भर्ती करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. राजनाथ सिंह ने सिर्फ सिपाहियों की भर्ती के मुद्दे पर ही बातचीत नहीं की बल्कि जवानों के प्रमोशन और उनसे जुड़े हुए दूसरे तमाम बिंदुओं पर भी सभी अर्धसैनिक बलों के डीजी से बातचीत की.

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यह जानकर हैरानी होगी कि देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ में इस समय 21 हजार सिपाहियों के पद खाली पड़े हैं. वहीं भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश की सरहद की रक्षा करने वाले बीएसएफ में 16 हजार पद खाली हैं. गृह मंत्रालय चाहता है कि इन पदों को जल्द से जल्द भरा जाए जिससे पैरामिलिट्री फोर्स में जवानों की कमी से जूझ रहे फोर्स को आंतरिक सुरक्षा और देश की सरहदों की सुरक्षा करने में कोई तकलीफ न हो.

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों यानी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स में खाली पड़े कॉन्स्टेबल के पदों को भरने के लिए 54000 जवानों की भर्ती जल्द ही की जा सकती है. हालांकि इसके चयन की प्रक्रिया का पहला चरण शुरू किया जा चुका है.

गौरतलब है कि कर्मचारी चयन आयोग यानी एसएससी के जरिए सीआरपीएफ में जवानों की भर्ती की जा रही है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएफएफ), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और असम राइफल्स जैसे सुरक्षा बलों में जवानों की भर्ती और तेज करने के लिए गृह मंत्रालय बड़े स्तर पर कदम उठा रहा है.

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