
पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ पश्चिम बंगाल में भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. बंगाल में कई जगह सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की खबरें आई हैं. इस बीच, मशहूर फिल्मकार अपर्णा सेन और अन्य बंगाली बुद्धिजीवियों ने शनिवार को कहा कि सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना विरोध दर्ज कराने का सही तरीका नहीं है.
अपर्णा सेन ने कहा कि कई बार जब लोग भावना में बह जाते हैं तो आंदोलन अतिवादी रूप ले लेता है, लेकिन यह विरोध करने का सही तरीका नहीं है. पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है. लोग रेलवे स्टेशनों पर रेलवे की संपत्तियां और राजमार्गों पर बसों को जला रहे हैं.
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अपर्णा सेन ने कहा, 'हमें केंद्र के कुछ फैसलों के खिलाफ अपनी शिकायत प्रकट करने के लिए अपनी संपत्तियां नहीं जलानी चाहिए. प्रदर्शन करने की जरूरत तो है, लेकिन इस तरह नहीं.'
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के करीबी समझे जाने वाले बुद्धिजीवियों के एक समूह ने प्रदर्शनकारियों से राष्ट्रीय नागरिक पंजी और नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हिंसा नहीं करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की है.
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चित्रकार सुभाप्रसन्ना, कवि जॉय गोस्वामी और सुबोध सरकार, भारतविद नृसिंह प्रसाद भादुरी ने एक मीडिया सम्मेलन में सभी से एनआरसी और नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने की अपील की, लेकिन लोकतांत्रिक तरीके से.
गोस्वामी ने कहा, 'कृपया, उन लोगों का हाथ मजबूत मत कीजिए जो समाज में विभाजन पैदा करना चाहते हैं. उन कुछ शक्तियों की साजिश का शिकार मत होइए जो इस स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं.' इन हस्तियों ने प्रदर्शनकारियों से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विश्वास रखने का आह्वान किया.
ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों को चेताया
पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान व्यापक हिंसा के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को लोगों से विरोध जताने के लिए लोकतांत्रिक तरीकों का उपयोग करने की अपील की. साथ ही चेतावनी दी कि कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ममता बनर्जी ने जारी बयान में कहा कि, "लोकतांत्रिक तरीकों से आंदोलन करें, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें. सड़कों या ट्रेन की नाकेबंदी न करें." मुख्यमंत्री ने कहा कि परेशानी पैदा करने वालों में से किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. उन्होंने कहा, "अगर आम लोगों को तकलीफ होती है तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. जो लोग गड़बड़ी पैदा कर रहे हैं और कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं, उनमें से किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा."
(एजेंसियों के इनपुट के साथ)