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बंडारू दतात्रेय के साथ काम करने वाले अध‍िकारी पर लगा घूस देने का आरोप, EPFO ने नकारा

केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दतात्रेय के साथ कार्य कर रहे श्याम वीर टांक पर कथित भ्रष्टाचार मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने खत लिखकर आरोपों का खंडन किया है. खत में श्याम वीर टांक पर लगे आरोपों को पूरी तरीके से गलत बताया गया है.

EPFO ऑफिस EPFO ऑफिस
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दतात्रेय के साथ काम कर रहे श्याम वीर टांक पर कथित भ्रष्टाचार मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने खत लिखकर आरोपों का खंडन किया है. खत में श्याम वीर टांक पर लगे आरोपों को पूरी तरीके से गलत बताया गया है. एक अंग्रेजी अखबार को ये खत हरियाणा के रोहतक EPFO कार्यालय में क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर पद पर तैनात एक अधि‍कारी ने लिखा है. अभी तक इस मुद्दे पर दिल्ली स्थित मुख्य EPFO कार्यालय का कोई वक्तव्य सामने नहीं आया है. 

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श्रम मंत्री के साथ काम कर रहे अधि‍कारी पर रिश्वत देने का आरोप
दरअसल 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबरों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री बंडारू दतात्रेय के साथ काम रहे श्याम वीर टांक पर सीबीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी) एवं ईपीएफओ के अधि‍कारियों को रिश्वत देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में पद से हटा दिया गया. खबरों की मानें तो श्याम वीर पर फाइलों में फेरबदल के भी आरोप थे. जानकारी के अनुसार रीजनल प्रोविडेंट फंड्स कमिश्नर रैंक के अधिकारी टांक ने RPFC-II कैडर के अधिकारियों के वेतनमान में बढ़ोतरी के लिए सीबीटी और ईपीएफओ के‍ अध‍िकारियों को भारी रिश्वत दी थी.

EPFO ने अखबार को लिखा खत
यही नहीं, 'टाइम्स ऑफ इंडिया' पर छपी रिपोर्टों की मानें तो श्याम वीर टांक पर गंभीर आरोप लगते ही मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. लेकिन अब खुद ईपीएफओ की ओर से इस खबर का खंडन किया गया है. ईपीएफओ ने अखबार की खबर का खंडन करते हुए कहा कि सही फैक्ट सामने नहीं लाया गया है. टांक पर सीबीटी एवं ईपीएफओ के अध‍िकारियों को रिश्वत देने का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है.

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सवाल उठने के बाद अखबार की सफाई
खबर को लेकर सवाल उठने के बाद अखबार ने सफाई में अपना पक्ष रखा. लेकिन EPFO के अधिकारी सफाई से संतुष्ठ नहीं हैं. अखबार ने श्याम वीर से बातचीत का हवाला देते हुए सफाई में लिखा कि श्याम वीर पर लगे आरोप गलत हैं, उन्होंने किसी भी तरह से घूस देने से इनकार कर दिया है. हालांकि अखबार ने सीधे तौर पर अपनी गलती नहीं मानी.

EPFO ने आरोप को बताया आधारहीन
ईपीएफओ की ओर से 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को लिखे खत में कहा गया है कि अब ईपीएफओ की ओर से सभी पीएफ का भुगतान ऑनलाइन किया जाता है तो फिर इस तरह की खबर का कोई आधार ही नहीं है. ईपीएफओ से 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को पूरे फैक्ट के साथ खबर छापने के लिए नोटिस जारी किया है, ताकि सही तस्वीर लोगों के सामने आ सके.

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