
देश के 322 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए कदम बढ़ाने के साथ ही अगली सूची के शहरों का ऐलान 23 जून को होगा. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू ने बताया कि स्मार्ट सिटीज के साथ अमृत शहरों की सूची में शामिल 500 शहरों में भी विकास परियोजनाएं चल रही हैं. उन्होंने बताया कि 147 शहरों को इन्वेस्टमेंट ग्रेड भी मिल चुके हैं. देश के 18 राज्यों ने तो कंसल्टेंट तक नियुक्त कर दिये हैं ताकि परियोजना को विशेषज्ञों की देखरेख में लागू किया जाए.
केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि हमने तो छोटे शहरों को सुझाव भी दिया है कि स्थानीय स्तर पर खुद ही राजस्व बढ़ाएं. यानी उपभोग की मात्रा के हिसाब और अनुपात में ही टैक्स की दर तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिजली, पानी या किसी अन्य सुविधा का ज्यादा उपभोग करने वाले लोग ज्यादा कर दें क्योंकि हमने 2022 तक सबको घर मुहैया कराने की परियोजना को साकार करने के लिए निजी क्षेत्र को भी आमंत्रित किया है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि निजी क्षेत्र की मनमानी रोकने के लिए नये नियम और मानदंड तय किये हैं. इसके लिए कैबिनेट ने RERA बिल का मसौदा मंजूर किया है जिसे संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा. चर्चा के बाद उसे लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिल के मुताबिक गलत काम करने वाले बिल्डर्स के लिए सजा का प्रावधान है. लेकिन इस बिल का मकसद नियमन है किसी का नुकसान करना नहीं.
नायडू ने कहा कि हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि यह भी है कि हमने वर्षों से सरकारी मकानों पर कब्जा करके बैठे अधिकारियों-नेताओं से परिसर खाली कराये हैं. यह उचित नहीं था कि लोग सेवा निवृत्ति या पद पर नहीं रहने के बावजूद वर्षों से सरकारी संपत्ति पर कब्जा किये बैठे रहे. आगे भी इस पर सरकार नजरें बनाये हुए है.