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नायडू या गांधी: सांसदों के लिए घोर धर्मसंकट!

राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी मजाकिया अंदाज में कहा कि पूरा देश इस समय धर्म संकट में है कि गांधी बनेंगे या नायडू देश के अगले उपराष्ट्रपति.

वेंकैया नायडू-गोपाल कृष्ण गांधी वेंकैया नायडू-गोपाल कृष्ण गांधी
सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

वेंकैया नायडू और गोपाल कृष्ण गांधी आमने-सामने क्या आए सरकार और विपक्ष के कई संसद धर्म संकट में फंस गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब एनडीए के उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार वैंकया नायडू के हर पार्टी में कई दिग्गज नेताओं के साथ घनिष्ट रिश्ते हैं. और वहीं गोपाल कृष्ण गांधी के सत्ता पक्ष में कई नेताओं के साथ करीबी संबंध हैं. मंगलवार को सुबह से ही संसद में पक्ष और विपक्ष के सांसद एकदूसरे को मजाक में यही कहते हुए सुनाई दिए कि 'उपराष्ट्रपति कैसे चुनें? घोर धर्म संकट है'.

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सीपीआई के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा कि वेंकैया नायडू उनके बहुत अच्छे मित्र हैं लेकिन उनकी पार्टी ने गोपाल कृष्ण गांधी को वोट देने का निर्णय लिया है. इसलिए उन्हें पार्टी की राय से ही जाना पड़ेगा. वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के भी नेताओं का कहना था कि कहीं ना कहीं यह घोर संकट है कि किसे चुना जाए.

वहीं जब यह सवाल गोपाल कृष्ण गांधी से पूछा गया कि बहुत सारे विपक्ष के नेता वेंकैया नायडू के काफी करीब हैं और कह रहे हैं कि घोर संकट में डाल दिया गया है तो गोपाल कृष्ण गांधी ने तुरंत जवाब दिया कि बहुत सारे लोग सत्ता पक्ष में हैं जो उनके करीबी हैं और यही बात कह रहे हैं कि कैसा घोर धर्म संकट है.

राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी मजाकिया अंदाज में कहा कि पूरा देश इस समय धर्म संकट में है कि गांधी बनेंगे या नायडू देश के अगले उपराष्ट्रपति .

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