
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित होने के बाद शुरू हुई सुलह पर कलह के बाद विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बयान दिया है. वीएचपी ने बयान जारी कर कहा कि उसे समझौते में कोई दिलचस्पी नहीं है. परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, उन्होंने अपनी ओर से कभी भी समझौते की पेशकश नहीं की.
बयान में ये भी कहा गया कि कभी भी किसी भी समझौता या बातचीत के कार्यक्रम की ना तो उनको कोई जानकारी मिली ना ही न्योता मिला. अब जबकि 40 दिनों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है तो सबको उसी का इंतजार है.
सभी की नजर फैसले पर
पिछले चालीस दिनों से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई हो रही थी, हिंदू-मुस्लिम पक्षकारों की ओर से लगातार दलीलें दी गईं, अदालत में तीखी बहस भी हुई. बुधवार को शाम 5 बजे इस मामले की बहस खत्म हुई और सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला रिजर्व रख लिया. अब हर किसी की नज़र सिर्फ इस मामले के फैसले पर है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की पीठ ने इस मसले को सुना और अब वह इस ऐतिहासिक फैसले को लिखेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले पर एक महीने के अंदर फैसला आ सकता है, हालांकि अदालत की ओर से फैसले की कोई तारीख निश्चित नहीं की गई है.