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राम मंदिर पर विधेयक के लिए वीएचपी की राष्ट्रव्यापी योजना

राम मंदिर को लेकर  संतों ने साफ कह दिया है कि अब सरकार इसके लिए अध्यादेश लाए और भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए. विधेयक की मांग के बीच वीएचपी ने अब देशव्यापी समर्थन जुटाने के लिए नई योजना तैयार की है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Reuters) प्रतीकात्मक तस्वीर (Reuters)
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) राम मंदिर निर्माण को लेकर सभी लोकसभा क्षेत्रों में जनसभाएं आयोजित करेगी और सांसदों से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की खातिर संसद से विधेयक पारित कराने के लिए समर्थन मांगेगी. विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मंगलवार को भरोसा जताया कि इस सबंध में केंद्र शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाएगा.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध विहिप मंदिर निर्माण के पक्ष में माहौल बनाने के प्रयासों के तहत कई राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन कार्यक्रमों से मौजूदा माहौल में कांग्रेस जैसी पार्टियों पर पर्याप्त दबाव बनेगा कि वे विधेयक का विरोध नहीं करें.

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उन्होंने कांग्रेस के 'जनेऊधारी' अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर जाने का जिक्र करते हुए आश्चर्य जताया कि उनकी पार्टी किस प्रकार राम मंदिर के निर्माण का विरोध कर सकती है. कुमार ने पीटीआई भाषा से कहा कि उनका संगठन आश्वस्त है कि नरेंद्र मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस संबंध में विधेयक लाएगी. उन्होंने कहा कि यह रामभक्तों की सरकार है.

लोकसभा चुनावों में छह महीने से भी कम समय रह जाने के बीच राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि आरएसएस और भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए हिन्दुत्व मुद्दे का इस्तेमाल कर सकते हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा कानून की मांग किए जाने के बाद इस संबंध में समर्थन बढ़ा है और कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी इसका समर्थन किया है.

राम मंदिर निर्माण के लिए कानून की हिन्दुत्व संगठनों की मांग पर न तो सरकार ने और न ही भाजपा ने अपना रूख साफ किया है. लेकिन मंत्रीगण और अन्य पार्टी नेता इसके पक्ष में बोल रहे हैं.

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कुमार ने कहा कि यह राम भक्तों की सरकार है और उसके सदस्य मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष में उनके साथी रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके इरादों को लेकर उनके मन में कोई संदेह नहीं है. उन्होंने कहा कि संगठन 15 दिसंबर से सभी 543 संसदीय क्षेत्रों में जनसभाएं करेगा और संबंधित सांसद से मुलाकात करेगा.

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