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बिहार में बदली सत्ता, जानें कितना बदलेगा उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटों का गणित?

मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है. अगर उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार पर आम सहमति नहीं बनी तो 5 अगस्त को वोटिंग होगी और इसी दिन शाम को वोटों की गिनती होगी.

गोपाल कृष्ण गांधी और नीतीश कुमार गोपाल कृष्ण गांधी और नीतीश कुमार
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 27 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 8:46 AM IST

बिहार में सत्ता का समीकरण बदल गया है और इसका असर अब उपराष्ट्रपति पर भी चुनाव को मिलेगा. ये कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी दलों के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का समर्थन किया था. अब उनके बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए में चले जाने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश अब भी गोपाल कृष्ण गांधी का समर्थन करेंगे.

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महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी के साथ नीतीश कुमार के मधुर संबंध रहे हैं. महागठबंधन का हिस्सा होते हुए नीतीश कुमार ने चंपारण आंदोलन के 100 पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में गोपाल कृष्ण गांधी को बुलाया था. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष से गोपाल कृष्ण गांधी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की बात कही थी. हालांकि ऐसा नहीं हो सका. बाद में जब गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया तो जेडीयू ने समर्थन की घोषणा की.

बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही वोट करते हैं. बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए के पास लोकसभा में 340 और राज्यसभा में 85 सांसद हैं. और अब नीतीश कुमार की पार्टी भी एनडीए का हिस्सा है. लोकसभा में नीतीश के पास 2 सांसद और राज्यसभा में 10 सांसद हैं.

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दूसरी ओर कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष में दर्जन भर से ज्यादा पार्टियां हैं. हालांकि लोकसभा में इनकी उपस्थिति बहुत कमजोर है, जबकि राज्यसभा में इनकी स्थिति लोकसभा के मुकाबले काफी अच्छी है. देखना ये होगा कि विपक्षी दल कितना आंकड़ा जुटा पाते हैं.

इन सबके बीच हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग भी देखने को मिली थी. गुजरात में कांग्रेसी नेताओं ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के पक्ष में वोटिंग कर दी. जिसके बाद पार्टी में मतभेद उभर कर सामने आए और कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला को लेकर घमासान मच गया.

मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है. 5 अगस्त को वोटिंग होगी और इसी दिन शाम को वोटों की गिनती होगी.

अंसारी को 2012 के उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार जसवंत सिंह के मुकाबले 490 वोट मिले थे. जसवंत सिंह को 238 वोट मिले. एस. राधाकृष्णन (1952 और 1957), मोहम्मद हिदायतुल्ला (1979) और शंकर दयाल शर्मा (1987) उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुने गए थे.

 

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