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बैंकों से बातचीत को तैयार माल्या, बोले- बिना सुनवाई के मुझे दोषी ठहराने की कोशिश

माल्या ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो पेशकश की थी, उसे बैंकों ने बिना विचारे खारिज कर दिया. मैं निष्पक्ष आधार पर मामले के निपटान के लिए बातचीत को तैयार हूं.

विजय माल्या विजय माल्या
लव रघुवंशी/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 6:43 PM IST

शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा कि वह 9,000 करोड़ रुपये के लोन चूक मामले में एक-मुश्त निपटान को लेकर बैंकों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं. माल्या ने ट्विटर पर कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की एक बारगी निपटान के लिए नीतियां हैं. सैकड़ों कर्जदारों ने अपने ऋण का निपटान किया है. आखिर हमें इसकी सुविधा से इनकार क्यों किया जाना चाहिए?

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माल्या ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो पेशकश की थी, उसे बैंकों ने बिना विचारे खारिज कर दिया. मैं निष्पक्ष आधार पर मामले के निपटान के लिए बातचीत को तैयार हूं. उन्होंने आगे कहा- उम्मीद है कि न्यायालय हस्तक्षेप करेगा और बैंकों तथा हमें मामले का निपटान करने के लिए बातचीत का निर्देश देकर इन चीजों पर विराम लगाएगा.

माल्या ने यह भी कहा कि उन्होंने अदालत के हर आदेश का पालन किया और अब ऐसा लगता है कि सरकार बिना निष्पक्ष सुनवाई के मुझे दोषी ठहराने पर तुली है. उन्होंने लिखा है कि उच्चतम न्यायालय में महान्यायवादी द्वारा मेरे खिलाफ आरोप सरकार का मेरे खिलाफ रूख को साबित करता है. माल्या के ऊपर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है.

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