Advertisement

विशाखापट्टनम गैस लीक की जांच के लिए बनी समिति, सीएम जगन मोहन ने किया मुआवजे का ऐलान

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से गैस रिसाव की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. साथ ही उन्होंने मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके अलावा जो वेंटिलेटर पर हैं उन्हें 10 लाख रुपये की मदद देने का सीएम ने ऐलान किया है.

विशाखापट्टनम गैस लीक की जांच के लिए बनी समिति (फाइल फोटो) विशाखापट्टनम गैस लीक की जांच के लिए बनी समिति (फाइल फोटो)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 07 मई 2020,
  • अपडेटेड 6:52 PM IST

  • विशाखापट्टनम गैस लीक की जांच के लिए बनी समिति
  • सीएम जगन मोहन ने किया मुआवजे का ऐलान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी से गैस रिसाव की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. साथ ही उन्होंने मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके अलावा जो वेंटिलेटर पर हैं, उन्हें 10 लाख रुपये की मदद देने का सीएम ने ऐलान किया है.

Advertisement

घटना के बाद सीएम जगन मोहन ने किंग जॉर्ज हॉस्पिटल का दौरा किया और जिनका इलाज चल रहा है उनसे मुलाकात की. घटना को लेकर एक बैठक के बाद सीएम ने मीडिया को बताया कि मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- विशाखापट्टनम गैस लीक में 11 लोगों की मौत

बता दें कि आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार सुबह में एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज का मामला सामने आया. स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 300 से अधिक लोगों की हालत गंभीर है.हैरानी की बात है कि दक्षिण कोरिया की इस कंपनी में जब टैंक से गैस का रिसाव हुआ तो अलार्म की घंटी क्यों नहीं बजी.

Advertisement

ये भी पढ़ें- विशाखापट्टनम के बाद अब छत्तीसगढ़ की पेपर मिल में गैस लीक, 7 मजदूर झुलसे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वेंटिलेटर पर हैं उन सभी लोगों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा, और जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है उन्हें 1 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. वहीं, मामले की जांच के लिए बनाई गई समिति में पर्यावरण और वन सचिव, उद्योग सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव, पुलिस आयुक्त होंगे.

उधर, विजयवाड़ा के सांसद केसिनेनी नानी ने जगन सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 1.0 के बाद फार्मा कंपनी एलजी पॉलिमर को एनओसी प्रदान की गई थी. क्या वह जरूरी सेवा से जुड़ी हुई है. मुझ समझ नहीं आता है कि एक प्लास्टिक निर्माण इकाई को आवश्यक कैसे कहा जा सकता है. इस पूरे हादसे के लिए जगन सरकार जिम्मेदार है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement