
गुरु करतारपुर साहिब गलियारे का काम शुरू करने के मौके पर पाकिस्तान ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को निमंत्रण भेजा है. सुषमा स्वराज ने निमंत्रण तो स्वीकार कर लिया लेकिन वो खुद इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगी. उनके पहले से कुछ कार्यक्रम तय हैं, जिसके चलते उन्होंने पाकिस्तान न जाने का फैसला किया है. हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री के खत के जवाब में उन्होंने यह जरूर कहा कि भारत से दो मंत्री-हरसिमरत कौर (खाद्य प्रसंस्करण मंत्री) और हरदीप सिंह पुरी (शहरी विकास राज्यमंत्री) गुरु करतारपुर साहिब कॉरिडोर से जुड़े कार्यक्रम में शरीक होंगे.
सुषमा स्वराज के पाकिस्तान न जाने पर कई तरह की अटकलें लग रही हैं. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध अभी इतने सामान्य नहीं जो विदेश मंत्री वहां का दौरा करें. इस बारे में विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि सुषमा स्वराज चुनाव और अपनी तबीयत के कारण वहां नहीं जा पाएंगी, अन्यथा इसका कोई और कारण नहीं है. वीके सिंह ने कहा कि इस बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है क्योंकि करतारपुर कॉरिडोर शुरू कराने में उन्होंने शुरू से वचनवद्धता जताई है.
वीके सिंह ने कहा, 'सुषमा स्वराज काफी वरिष्ठ और सुलझी हुई नेता हैं. उनके लिए जो भी अप्वाइंटमेंट रहे, उसे उन्होंने बखूबी निभाया है. फिलहाल न जाने का फैसला किया है तो यह उनका व्यक्तिगत मामला है जो उनकी तबीयत से जुड़ा है. यह तो निश्चित है कि आगे भी उन्हें अहम रोल मिलते रहेंगे.'
गौरतलब है कि पाकिस्तान भी इस महीने के अंत से ही कॉरिडोर बनाना शुरू कर देगा. इमरान खान खुद इसकी शुरुआत करेंगे. हालांकि, इसकी तारीख तय नहीं हुई है. कॉरिडोर 2019 तक पूरा हो सकता है. पाकिस्तान सरकार की ओर से भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया गया है.
करतापुर मुद्दे पर विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में वीके सिंह ने कहा, 'विपक्ष का काम सिर्फ कमियां ढूंढना है. मुझे लगता है कि फिलहाल हमें गुरु नानक देव जी के 550वें जयंती समारोह के बारे में सोचना चाहिए. पाकिस्तान की सोच में तब्दीली लाने के लिए यह काफी सटीक वक्त है. साथ ही कॉरिडोर बनाने का भी सही समय है ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके.'
पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों के बारे में विदेश राज्यमंत्री ने कहा, 'मेरे खयाल से लोग या तो समझते नहीं हैं या जो हो रहा है उसके बारे में गलत आकलन लगा रहे हैं. एनडीए 26 मई 2014 को सरकार में आई. हमारी नीतियां बिल्कुल साफ थीं कि पड़ोसी हमारे लिए पहले स्थान पर है. हमारे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को बता भी दिया कि इस क्षेत्र में शांति कायम करने की जिम्मेदारी उनकी है. अगर आप फायरिंग नहीं रोकते हैं या चीजें यूं ही जारी रहती हैं तो आगे बढ़ना मुश्किल है.'
वीके सिंह ने कहा, 'तब से साढ़े चाल साल हो गए लेकिन हमारी नीतियां नहीं बदली हैं. हम इसमें कोई बदलाव भी नहीं लाएंगे जबतक पाकिस्तान की ओर से वार्ता लायक माहौल न बनाया जाए.'