
देश की राजधानी दिल्ली कई बार कू़ड़े के पहाड़ का शिकार हुई है. दिल्ली में जगह-जगह आपको कूड़े का ढेर दिखेगा. शहर की इस हालत पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को खरी-खोटी सुनाई है. गुरुवार को कचरा प्रबंधन मामले में उपराज्यपाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया तो कोर्ट ने जमकर फटकार लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को ना घसीटें और सिंपल अंग्रेजी में इतना बताएं कि कूड़े का ढेर कब हटेगा. इसी तरह कोर्ट ने कई तल्ख टिप्पणियां कीं, यहां पढ़ें...
# कह रहे थे कि हर मामले के प्रभारी वही हैं, सुपरमैन हैं.
# संवैधानिक पद पर हैं, लेकिन करेंगे कुछ नहीं.
# जब कोई काम होता है तो बस पास कर देते हैं और कहते हैं कि उनकी जिम्मेदारी है.
# ऐसा लग रहा है कि वो कहते हैं कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कुछ नहीं है, जो हैं सिर्फ वहीं हैं.
# आपके अफसर बैठक में नहीं जाते, सोचते होंगे कि एलजी हैं अथॉरिटी हैं.
# हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए, सिंपल अंग्रेजी में इतना बताइए कि कूड़े का ढेर कब हटेगा.
# आप 25 बैठक करते हैं या 50 कप चाय पीते हैं, इससे हमें मतलब नहीं है. आप एलजी हैं, आपने बैठक की है इसलिए हमें टाइमलाइन और स्टेटस रिपोर्ट दें.
# आपके पास बैठक का अधिकार है, बताइए कितनी बैठक की हैं.
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में कचरा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. गुरुवार को एलजी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया. LG की ओर से कहा गया है कि कचरा प्रबंधन के लिए निगम जिम्मेदार है, हम इसपर लगातार बैठक कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए आर्टिकल 239AA का हवाला दिया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट इससे संतुष्ट नहीं दिखा. सबसे बड़ी अदालत की ओर से कहा गया कि आप 25 बैठक करते हैं या 50 कप चाय पीते हैं, इससे हमें मतलब नहीं है.
आपको बता दें कि अभी दो दिन पहले ही जस्टिस मदन भीमराव लोकुर की अगुवाई वाली पीठ ने नाराज़गी भरे लहजे में कहा था कि हर जगह बदइंतजामी है. मुंबई में पानी की बाढ़ है, तो दिल्ली में कूड़े की. तभी यहां दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन में लापरवाही की वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया वगैरह फैलते हैं. दिल्ली में कूड़ा प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि आखिर राजधानी में कूड़ा प्रबंधन की जिम्मेदारी किसकी है, मुख्यमंत्री की या LG की या फिर केंद्र सरकार की?