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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने आज तक से खास बातचीत में इस बात का खुलासा किया कि 500 और 1000 के नोटों को बंद किए जाने के फैसले की जानकारी उनको कैबिनेट की बैठक में ही मिल पाई थी. यानी पीएम मोदी के इस फैसले की भनक गिने-चुने लोगों को ही थी.
8 महीने से काम कर रही थी सरकार
डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस फैसले को एक बड़ा फैसला बताया और प्रधानमंत्री मोदी को इसे लागू करने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि कालेधन के मसले पर मोदी सरकार पिछले 8 महीनों से इस फैसले की तैयारी कर रही थी लेकिन इसकी भनक किसी अधिकारी को तो क्या मंत्रिमंडल के ज्यादातर मंत्रियों को नहीं थी. फैसले की सावजनिक घोषणा किए जाने के 5 मिनट पहले ही उनको यह जानकारी मिली.
कोई और सरकार नहीं उठा सकी ऐसा कदम
डॉक्टर हर्षवर्धन ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने के फैसले को सुपर सर्जिकल स्ट्राइक बताया. उन्होंने कहा इससे कालाधन इकट्ठा करने वाले कालाबाजारियों पर गाज गिरेगी. उन्होंने कहा इतना बड़ा फैसला है इससे पहले ऐसा फैसला लेने की किसी भी सरकार की हिम्मत नहीं हुई थी.
आम आदमी को नहीं डरने की जरूरत
उनके मुताबिक भ्रष्टाचार इस देश की बड़ी समस्या है और उसको ऐसे ही कड़े फैसलों के साथ खत्म किया जा सकता है. ईमानदार आदमी को डरने की जरूरत नहीं है बल्कि भ्रष्टाचारियों और कालाबाजारियों की शामत आई है. डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक इतने बड़े फैसले से लोगों को थोड़ी बहुत दिक्कत तो जरूर होगी लेकिन देश की खातिर ये बेहद मामूली है.
किसानों को ज्यादा दिन नहीं होगी दिक्कत
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने छोटे व्यापारियों को हो रही दिक्कत को अस्थाई दिक्कत बताया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ व्यापारियों को थोड़ी परेशानी हो लेकिन कुल मिलाकर जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा, लोगों को ये समझ में आएगा कि कैसे यह फैसला उनके लिए लाभदायक है.
चुनाव में काले धन की फंडिंग पर लगेगी रोक
डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहां कि मोदी सरकार के इस फैसले से आतंकवादियों और देश विरोधी लोगों को चोट पहुंचेगी, जिससे देश मजबूत होगा. चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर इससे रोक लगेगी. चुनाव की स्टेट फंडिंग के बारे में उन्होंने कहा कि हम बहुत पहले से ही चुनाव सुधारों की बात कर रहे हैं. पीएम मोदी चुनाव सुधारों के पक्ष में है और सबको मिल बैठकर इस मामले में सहमति बनानी चाहिए.