Advertisement

PoK को स्वतंत्र करवाना और वहां तिरंगा लहराना हमारा संकल्प है: जितेंद्र सिंह

सिंह ने कहा, 'जैसे ही पीओके स्वतंत्र होगा, वहां भारत का झंडा फहराया जाएगा. यह संकल्प ना सिर्फ भारतीय समाज का है, बल्कि यह राष्ट्र का है. यह सदन का भी है.'

जितेंद्र सिंह जितेंद्र सिंह
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:03 AM IST

मोदी सरकार ने जहां एक ओर पाकिस्तान से साफ शब्दों में कहा है कि दोनों मुल्कों के बीच अब बातचीत सिर्फ कश्मीर पर नहीं, बल्कि‍ पूरे कश्मीर पर होगी. वहीं, पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि राष्ट्र ने संकल्प किया है कि हम पाक अधि‍कृत कश्मीर को स्वतंत्र करवाएंगे और वहां तिरंगा फहराएंगे.

प्रस्तुत है 'आज तक' से जितेंद्र सिंह की बातचीत के प्रमुख अंश-

Advertisement

सवाल- पीओके को कब स्वतंत्र करवा रहे हैं और वहां कब झंडा फहरा रहे हैं?
जितेंद्र सिंह- देखिए, जैसे ही पीओके स्वतंत्र होगा, वहां भारत का झंडा फहराया जाएगा. यह संकल्प ना सिर्फ भारतीय समाज का है, बल्कि यह राष्ट्र का है. यह सदन का भी है.

सवाल- पीओके को स्वतंत्र करवाने के लिए क्या प्रयास शुरू कर दिए हैं आपने?
जितेंद्र सिंह- यह प्रयास अलग-अलग स्तर पर रहते हैं. लेकिन संकल्प आवश्यक है. संकल्प का आगे चलकर समाधान भी होता है. संकल्प है और समर्पण भी है.

सवाल- अब क्या कश्मीर पर नहीं पीओके पर बात होगी?
जितेंद्र सिंह- जैसा कि उस दिन प्रधानमंत्री जी ने भी कहा, जब हम जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं तो हमें एक बात ध्यान रखनी होगी. जम्मू-कश्मीर के प्रमुख तौर पर और बुनियादी तौर पर तीन प्रमुख हिस्से हैं. जम्मू लद्दाख कश्मीर, पाकिस्तान अधिकृत हिस्सा और गिलगित-बालतिस्तान. इन हिस्सों की बात किए बिना जम्मू-कश्मीर की बात करना अधूरी रह जाती है.

Advertisement

सवाल- क्या तेवर में फर्क है, कुछ आक्रामक हो गए हैं. भारत के तेवर पाकिस्तान को लेकर पीओके को लेकर, ब्लूचिस्तान को लेकर क्या आने वाली दिनों में ज्यादा आक्रामक होने वाले हैं?
जितेंद्र सिंह- मैं यह नहीं कहूंगा कि आक्रामक हो गए हैं या होने वाले हैं. लेकिन यह विडंबना थी कि 1994 में जो भारतीय संसद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व की सरकार थी उसने और उसे उसके बाद की सरकारों ने दरकिनार कर दिया उसकी अवहेलना की. मुख्य तौर से उसके बाद भी कांग्रेस पार्टी की सरकारें ही रहीं. लेकिन 22 साल बाद प्रायश्चित करने की जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व वाली मोदी सरकार की आई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement