
पश्चिम बंगाल विधानसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया. ममता सरकार की ओर से पेश किए गए इस प्रस्ताव को पारित भी कर दिया गया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को छोड़कर अन्य सभी दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. बीजेपी विधायक स्वाधीन सरकार ने बंगाल में भी एनआरसी की मांग की है.
12 सितंबर को ममता बनर्जी असम जा सकती हैं. और वहां विरोध प्रदर्शन कर सकती हैं. इस मुहिम पर काम करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी के इस कदम का विरोध किया है.
इससे पहले ममता बनर्जी ने एनआरसी से गोरखा समुदाय के 100,000 से ज्यादा लोगों के बाहर होने पर हैरानी जाहिर की थी. ममता ने कहा था कि एनआरसी से हजारों भारतीय बाहर हो गए हैं. ममता बनर्जी ने 1 सितंबर को एक के बाद एक कई ट्वीट कर सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की थी कि असली भारतीय सूची से बाहर नहीं हों और उन्हें न्याय सुनिश्चित किया जाए.
31 अगस्त को जारी एनआरसी की अंतिम सूची में करीब 19 लाख लोग इस सूची से बाहर हो गए थे. इसके बाद इन लोगों को विदेशी न्यायाधिकरण के सामने नागरिकता साबित करने की चुनौती है. इसके लिए असम में करीब 521 विदेशी ट्रिब्यूनल स्थापित किए जा रहे हैं.