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पश्चिम बंगाल में ममता के ब्राह्मण कार्ड के जवाब में बीजेपी का मुस्लिम सम्मेलन

पश्चिम बंगाल में बीजेपी पैर जमाने के लिए मुस्लिमों को भी गले लगाने की कवायद में है. राज्य में मुस्लिम मतों की सियासी अहमियत को देखते हुए बीजेपी कोलकाता के मो. अली पार्क में आज अल्पसंख्यक सम्मेलन कर रही है.

बीजेपी का मुस्लिम सम्मेलन (फाइल फोटो) बीजेपी का मुस्लिम सम्मेलन (फाइल फोटो)
इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 11 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

मिशन 2019 में जुटी बीजेपी जहां बाकी राज्यों में हिंदुत्व के रथ पर सवार होकर चुनावी जीत पर फोकस किए हुए हैं वहीं बंगाल में अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है. पश्चिम बंगाल में बीजेपी पैर जमाने के लिए मुस्लिमों को भी गले लगाने की कवायद में है. राज्य में मुस्लिम मतों की सियासी अहमियत को देखते हुए बीजेपी कोलकाता के मो. अली पार्क में आज अल्पसंख्यक सम्मेलन कर रही है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्‍दुल राशिद अंसारी के साथ पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्‍ठ नेता मुकुल राय संबोधित करेंगे.

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30 फीसदी मुस्लिम मतों की मारामारी

पश्चिम बंगाल में करीब 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जो राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है. राज्य में लेफ्ट और टीएमसी के बाद अब बीजेपी भी मुस्लिमों को रिझाने में जुट गई है. इस साल होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर ही बीजेपी के मुस्लिम सम्मेलन को देखा जा रहा है. देर से बीजेपी ने महसूस किया है कि वह 30 फीसदी मजबूत मुस्लिम वोटों को लुभाए बिना बंगाल नहीं जीत सकती.

पंचायत चुनावों पर नजर

पश्चिम बंगाल में पैर जमाने की जुगत में जुटी बीजेपी की नजर अब पंचायत चुनावों पर है. पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने के लिए मुस्लिम वोट जरूरी है, लिहाजा इस समुदाय पर पकड़ बनाने के लिए बीजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा पूरी तरह से जुट गया है. बीजेपी ने राज्य में पहला मुस्लिम सम्मेलन नवंबर में किया था और अब दो महीने के भीतर ही दूसरा सम्मेलन हो रहा है.

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'लेफ्ट-टीएमसी ने मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया'

बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्‍दुल राशिद अंसारी ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में मुसलमानों के मतों के सहारे कांग्रेस और लेफ्ट ने राज किया और अब टीएमसी सत्ता में है. इसके बावजूद राज्य में मुस्लिमों की हालत देखिए, वो भिखारी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. बंगाल में मुस्लिमों की हालत बहुत खराब है, वो बेरोजगारी और गरीबी में जीने को मजबूर हैं. बीजेपी सिर्फ नारेबाजी नहीं करती है बल्कि सबका साथ और सबका विकास के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि राज्य के मुस्लिमों को लेफ्ट, कांग्रेस और टीएमसी की सच्चाई से वाकिफ कराने और उन्हें गले लगाने के लिए हम कोलकाता आए हैं. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के विकास कर रहे हैं. बंगाल में मुस्लिमों के दिल में बीजेपी ने जगह बनाया है, इससे लेफ्ट से लेकर ममता बनर्जी तक के दिल में घबराहट महसूस हो रही है. इसीलिए वो बेचैन हैं.

BJP के झांसे में नहीं आएंगे मुसलमान: TMC

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और टीएमसी नेता सदन पांडे ने कहा कि मुसलमान कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. क्योंकि उन्हें पता है कि प्रधानमंत्री खुद आरएसएस स्वयंसेवक हैं और उनका एकमात्र एजेंडा देश को धार्मिक और जाति रेखा पर विभाजित करना है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए काम करती हैं, न कि धार्मिक रेखा पर.

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बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष अली हुसैन ने कहा कि टीएमसी खुद राज्य में अल्पसंख्यकों के एकमात्र संरक्षक होने का दावा नहीं कर सकती. उन्होंने कहा, पिछले छह वर्षों से टीएमसी ने मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया है और केवल इमामों को वफादारी देने से समुदाय को मदद नहीं होने वाली है.

इशरत जहां बीजेपी के खेमें में

बता दें कि हाल ही में तीन तलाक के खिलाफ अपील दायर करने वाली इशरत जहां ने बीजेपी ज्वाइन किया है. इस पर राशिद अंसारी ने कहा कि उनकी सक्रीयता को देखते हुए उनकी भूमिका तय की जाएगी. अगर वो चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करेंगी, तो हम सोचेंगे. राशिद अंसारी ने कहा कि राज्य के पंचायत चुनाव में अच्छी खासी तादाद में बीजेपी उम्मीदवार उतारेगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने दो मुस्लिम उम्मीदवार बंगाल से उतारे थे. ऐसे में पंचायत चुनाव में निश्चित रूप से मुस्लिमों को पार्टी चुनाव लड़ाएगी.

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