Advertisement

पंचायत चुनाव: हिंसा पर विपक्ष का हमला- दीदी कर रही हैं दादागीरी!

पश्चिम बंगाल के 20 जिलों में पंचायत चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है. लेकिन बीजेपी, लेफ्ट पार्टियां और कांग्रेस का एक सुर में आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस ने उनके उम्मीदवारों को पर्चा तक नहीं भरने दिया. बीजेपी 23 अप्रैल को हुई हिंसा को ममता सरकार पर प्रहार के लिए हथियार बना रही है.

ममता बनर्जी (फाइल) ममता बनर्जी (फाइल)
इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 24 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 8:21 PM IST

पश्चिम बंगाल के 20 जिलों में पंचायत चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है. लेकिन बीजेपी, लेफ्ट पार्टियां और कांग्रेस का एक सुर में आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस ने उनके उम्मीदवारों को पर्चा तक नहीं भरने दिया. बीजेपी 23 अप्रैल को हुई हिंसा को ममता सरकार पर प्रहार के लिए हथियार बना रही है.

चुनाव आयोग के पहले तय कार्यक्रम के मुताबिक 9 अप्रैल को नामांकन की आखिरी तारीख थी. लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर 1 दिन के लिए नामांकन बढ़ाया गया, हालांकि 10 अप्रैल को राज्य चुनाव आयोग ने अपने ही आदेश को रद्द कर दिया. बाद में फिर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर 23 अप्रैल को 1 दिन के लिए नामांकन हुआ.

Advertisement

23 अप्रैल के नामांकन के दिन बीरभूम में एक व्यक्ति की मौत भी हुई जिसे बीजेपी और तृणमूल दोनों अपना कार्यकर्ता बता रही हैं. बहरहाल, इस हिंसा के बीच पंचायत चुनाव का आलम ये है कि वहां टीएमसी बिना लड़े ही कई जगहों पर जीत जाएगी.

इन हालातों में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन की वकालत की है. बाबुल सुप्रियो ने ट्विटर पर लिखा है कि 'ये किसी राजनीतिक दल पर हमला ही नहीं है, ये राज्य सरकार द्वारा, हां, दीदी की अगुवाई वाली टीएमसी सरकार का लोकतंत्र और मानवता पर हमला है. ममता बनर्जी का राजनीतिक अंत होना चाहिए.'

राष्ट्रपति शासन की मांग पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने भी की है. हालांकि तृणमूल हिंसा के आरोपों को ड्रामा बता रही है. चुनावी हिंसा के इस माहौल में राज्य चुनाव आयोग अब तक वोटिंग और नतीजों की नई तारीखों का ऐलान तक नहीं कर सका है.

Advertisement

इससे पहले सोमवार को विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बीरभूम, मुर्शिदाबाद, माल्दा, बर्दवान, नदिया, उत्तरी 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में हिंसा भड़क गई. पुलिस के अनुसार बीरभूम जिले के सूरी में नामांकन दाखिल करने को लेकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. दोनों पक्षों की ओर से बम फेंके गए. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल के लोग विधायकों और सांसदों पर भी हमले कर रहे हैं.

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे. पहले चरण का चुनाव एक मई को, दूसरे चरण का 3 मई और अंतिम चरण का चुनाव 5 मई को संपन्न होगा. नतीजे 8 मई को घोषित किए जाएंगे. राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त एके सिंह ने बताया कि कालिम्पोंग और दार्जिलिंग को छोड़कर राज्य के 20 जिलों में मतदान होंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement