
पश्चिम बंगाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोलकाता नगर निगम द्वारा कई शवों को गारिया श्मशान में ले जाया गया था. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि शवों को इस तरह ले जाने को लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया. अब कोलकाता नगर निगम के मेयर ने सफाई दी है कि वो शव कोरोना संक्रमित मरीजों के नहीं थे.
इस पूरे मामले को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं. वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी ट्वीट कर सवाल उठाया है. वायरल वीडियो के सामने आने के बाद बंगाल के राज्यपाल ने ममता सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
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राज्यपाल के ट्वीट पर गृह सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने दो घंटे के भीतर जवाब दिया. गृह सचिव के ट्वीट के बाद राज्यपाल ने फिर से ट्वीट किया. दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है कि राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है.
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बहरहाल, इलाके के लोगों ने 10 जून की घटना के बारे में बताया. उस इलाके में रहने वाले किरण मलिक ने बताया, "मैंने अपने जीवन में अभी तक ऐसा कुछ नहीं देखा था. हम आस-पास रहते हैं. कई शव क्षत-विक्षत हो गए थे. लगभग 13 शव थे और एक हुक की मदद से उन्हें डंप किया गया. उन्होंने शवों को वैन से बाहर निकाल दिया था, लेकिन इलाके के लोग एकत्रित हो गए और यह सब देख वे शवों को वापस ले गए. बहुत बदबू आ रही थी. हम फिर ऐसा नहीं होने देंगे."
एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा कि फिर ऐसा नहीं होना चाहिए. समीर मुखर्जी ने कहा, "मैं यहीं था. स्थिति बहुत खराब थी. हर कोई डर गया था. लगभग 13-14 शव थे. जो चीज हमें सबसे बुरी लगी वो थी शवों के साथ सलूक. वो गलत तरीका था. यदि वे इस काम को ठीक से करते तो हम शिकायत नहीं करते. हम उन शवों को उस हालत में देखकर डर गए थे. हम चाहते हैं कि स्थितियां बेहतर हों. ऐसा नहीं होना चाहिए. जिस तरह से सरकार ने घोषणा की, उसे उसी तरह से किया जाना चाहिए. हम नहीं जानते कि वे कोरोना की चपेट में आकर मरने वाले लोग थे या लावारिस लाशें थीं. उन लावारिस शवों को गरिया श्मशान में ले जाया गया.”
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टॉलीगंज में बीजेपी नेता स्नेहायान दास ने कहा कि कोलाकाता नगर निगम की वैन में लावारिस लाश लाए थे. करीब 13-14 शव थे. यह एक भयानक स्थिति थी. स्थानीय लोगों ने यह देखकर विरोध किया और उन्हें तुरंत रोकने के लिए कहा. फिर, वे चले गए.
जब हमें खबर मिली, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह रिहायसी इलाका है, बाजार और अस्पताल है. यहां ऐसे शवों को नहीं निपटाया जाना चाहिए.
कोलकाता पुलिस ने कहा-लेंगे एक्शन
वहीं कोलकाता पुलिस ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि शव कोरोना संक्रमितों के नहीं थे. वो लावरिस शव थे जो अस्पताल की मोर्चरी से लाए गए थे. फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वो शव कोरोना मरीजों के नहीं थे.
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा, “मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है. जांच के बाद मैं सब बता दूंगा. वो कोरोना मरीजों के शव नहीं थे. कोरोना मरीजों का शवों का अंतिम संस्कार पहले से ही धापा श्मशान में किया जा रहा है. कालीघाट श्मशान में भी लावारिस शव थे.”