
वॉट्सएप जासूसी मामले से देश की राजनीति में भूचाल आ गया था. अब ये मामले संसदीय कमेटी के पाल में पहुंच गया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय कमेटी आने वाली 20 नवंबर को बैठक करेगी, जिसमें इजरायली फर्म के द्वारा वॉट्सएप के जरिए जासूसी मामले पर चर्चा होगी.
आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो कर 13 दिसंबर तक चलेगा. हाल ही में ये खुलासा हुआ था कि इजरायल के NSO ग्रुप ने भारत में कुछ पत्रकारों, एक्टिविस्टों की जासूसी की थी. ये जासूसी मई के समय में हुई थी, इसी के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था और इसे निजता पर हमला बताया था.
शशि थरूर इन्फॉर्मेशन और टेक्नॉलोजी के मामलों से जुड़ी संसदीय कमेटी के प्रमुख हैं. उन्होंने कमेटी के पैनल को लिखी चिट्ठी में कहा है कि वॉट्सएप के द्वारा भारतीयों की जासूसी करना एक गंभीर मसला है, ऐसे में इसपर चर्चा जरूरी है. इस दौरान संसदीय कमेटी इस मामलों से जुड़े अधिकारों से सवाल-जवाब कर सकती है.
वॉट्सएप की ओर से भी बयान जारी किया था कि इजरायली एजेंसी NSO ग्रुप के द्वारा Pegasus नाम के स्पाईवेयर के जरिए पत्रकारों को निशाना बनाया गया था. इसके जरिए उनके फोन कॉल, मैसेज, ऑडियो, वीडियो की जासूसी की गई थी. इसके बाद वॉट्सएप ने इजरायली कंपनी पर केस भी किया.
इस मसले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सांसद राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने केंद्र सरकार से सवाल किया था. सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर जासूसी की बात सच है तो ये मानवाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन है, सरकार को इसपर जवाब देना चाहिए. वहीं सरकार की ओर से इस मामले में वॉट्सएप से जवाब मांगा गया था.