
कोल्लम के पुत्तिंगल मंदिर में रविवार को हुई आगजनी के मामले में केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है. मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मंगलवार को कोर्ट ने कहा कि कानून के बड़ी अनदेखी हुई और सुरक्षा मानकों में लापहरवाही बरती गई. पुलिस ने बिना इजाजत हो रही आतिशबाजी को क्यों नहीं रोका?
आतिशबाजी की जगह को सील क्यों नहीं किया
हाई कोर्ट में सोलिसिटर जनरल ने बताया कि मामले में सात नियमों को तोड़ा गया है और सुरक्षा उपायों की घोर अनदेखी की गई. आतिशबाजी में ऐसे रसायनों का इस्तेमाल हुआ है, जो पाबंदी की वजह से बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध नहीं है. इसके बाद प्रशासन पर गुस्साए कोर्ट ने पूछा कि क्या मंदिर समिति ने आतिशबाजी या पटाखे जमा करने की इजाजत ली थी? सोलिसिटर जनरल ने कहा कि नहीं, फिर कोर्ट ने सवाल किया कि जगह को सील क्यों नहीं किया?
राजस्व विभाग को नरम रुख के लिए फटकार
कोर्ट में कोल्लम के पुलिस कमिश्नर भी मौजूद थे. कोर्ट ने उनसे भी कई सवाल किए. उनसे पूछा कि विस्फोटकों के लिए कोई कानून है, अगर है तो उसका पालन क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने पूछा कि जब जिला प्रशासन कह रही है कि आतिशबाजी की इजाजत नहीं दी गई तो राज्य सरकार ने कैसे इसे होने दिया? प्रतिबंधित रसायनों वाले कितने पटाखे जमा और इस्तेमाल किए गए, इसका कोई हिसाब सरकार के पास है? कोर्ट ने राजस्व विभाग को भी अलर्ट नहीं रहने को लेकर फटकारा. विभाग को मंदिर प्रबंधन के प्रति नरम रुख अपनाने पर फटकार लगी है.
पुलिस और जिला प्रशासन से अलग हलफनामे की मांग
हाई कोर्ट ने पुलिस और जिला प्रशासन को इस मामले में अलग से एक हलफनामा देने का आदेश दिया है. पुलिस से कोर्ट ने पूछा कि आपने पटाखे जमा करने से क्यों नहीं रोका? साथ ही आगजनी कांड के आरोपियों पर हत्या का चार्ज क्यों नहीं लगाया? इसके जबाव में कमिश्नर ने कहा कि क्योंकि आरोपियों की मंशा लोगों की हत्या करने की नहीं थी. इसलिए गैर इरादतन हत्या का चार्ज लगाया है.
मामले की जांच सीबीआई को सौंप सकती है सरकार
कोर्ट ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पुलिस से कहा है कि प्रशासन के आदेश को नहीं मानने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाए. पुलिस से पूछा गया कि इतनी बड़ी मात्रा में पटाखे कैसे मंदिर तक पहुंचाया गया और जांच कार्रवाई में क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर विचार कर सकती है. मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी.