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Wikipedia की मोदी सरकार को चिट्ठी- नए नियम से बर्बाद हो जाएगा हमारा सिस्टम

इन्फॉर्मेशन देने वाली वेबसाइट ‘विकीपीडिया’ ने इन नियमों को लेकर चिंता व्यक्त की है और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखी है.

विकीपीडिया ने जताई नए नियमों पर चिंता विकीपीडिया ने जताई नए नियमों पर चिंता
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

  • विकीपीडिया की मोदी सरकार को चिट्ठी
  • डेटा प्रोटेक्शन बिल के नियमों पर जताई चिंता
  • ‘नए सिस्टम से प्रभावित होगा बिजनेस मॉडल’

भारत में काम कर रहीं वेबसाइट को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कुछ नियम बदलने की तैयारी में हैं. इन्फॉर्मेशन देने वाली वेबसाइट ‘विकीपीडिया’ ने इन नियमों को लेकर चिंता व्यक्त की है और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में विकीपीडिया ने लिखा है कि केंद्र सरकार की नई नीति से उनका सिस्टम पूरी तरह से तबाह हो जाएगा.

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विकीपीडिया को चलाने वाली ‘विकीमीडिया फाउंडेशन’ की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है, ‘भारत सरकार के द्वारा लाइबेलिटी रूल्स में जो बदलाव किया जा रहा है, वह चिंता का विषय है. इसके जरिए यूजर्स बेस्ड वेबसाइट को कंट्रोल किया जाएगा और कंटेंट प्रभावित होगा.’

विकीपीडिया ने लिखा है कि नियमों में इस तरह के बदलाव से विकीपीडिया पर सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि हमारा मॉडल पूरी तरह से ओपन है. हम पूरी तरह से इंटरनेट पर फ्री एक्सप्रेशन के नियम का पालन करते हैं और यूजर्स ही हमारा कंटेंट तैयार करते हैं. ऐसे में अगर यूजर्स के कंटेंट पर रोक लगाई जाएगी, तो ये मॉडल पूरी तरह से फंस जाएगा.

डेटा प्रोटेक्शन बिल पर उठाए सवाल

विकीपीडिया ने अपनी चिट्ठी में हाल ही में पेश किए गए डेटा प्रोटेक्शन बिल पर भी सवाल खड़े किए हैं. चिट्ठी में लिखा है कि हमें इस बात का डर है कि जो बिल पेश किया गया है, उससे भारत में मुफ्त जानकारी के मिशन को चोट पहुंचेगी.

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इसके अलावा सोशल मीडिया इंटरमीडियर्स की नई परिभाषा को स्थापित करना भी मुश्किल है, जिसका जिक्र डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 (सेक्शन 26) में किया गया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के द्वारा लाए जा रहे बिल का मकसद डेटा चोरी को रोकना है, इसके साथ ही सोशल मीडिया साइट्स समेत कई कंपनियों/वेबसाइट पर पाबंदियां लगाई गई हैं. बिल से सरकार को प्लानिंग के लिए किसी भी कंपनी से गैर निजी डेटा का अनुरोध करने की अनुमति मिल जाएगी.

इसके लिए सोशल मीडिया कंपनियों को वेरिफिकेशन प्रक्रिया विकसित करनी होगी जो यूजर्स के लिए स्वैच्छिक होगी, लेकिन इससे यूजर की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की संभावना घटेगी.

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