
#MeToo अभियान के तहत यौन शोषण के आरोपों के बीच चौतरफा दबाव झेल रहे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सफाई देते हुए कहा है कि साक्ष्य के बिना आरोप एक वायरल बुखार बन गया है, उनके ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि अपने ऊपर लगे इन आरोपों पर कानूनी कार्रवाई करेंगे.
रविवार को अफ्रीका के दौरे से लौटे विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने सफाई देते हुए कहा कि साक्ष्य बिना आरोप कुछ वर्गों के लिए एक वायरल बुखार बन गया है. जो कुछ भी मामला है, अब मैं लौट आया हूं, मेरे वकील इन सभी आधानहीन आरोपों को देखते हुए आगे की कार्रवाई करेंगे. अकबर ने सवाल किया कि लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले इस तरह का तूफान क्यों खड़ा हुआ है? उन्होंने कहा कि उनके ऊपर लगे आरोप गलत, मनगढ़ंत और आधारहीन हैं और इससे उनकी छवि को अपूर्णीय क्षति हुई है.
अकबर ने कहा कि झूठ के पांव नहीं होते, लेकिन उसमें जहर होता है. वे उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि पत्रकार प्रिया रमानी ने यह कैंपेन एक साल पहले एक पत्रिका में लेख के माध्यम से शुरू किया था. उन्होंने मेरा नाम नहीं लिया क्योंकि वो जानती थीं कि उनकी कहानी गलत है. जब उनसे पूछा गया कि आपने नाम क्यों नहीं लिया तब उन्होंने ट्वीट में लिखा, "नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ नहीं किया."
अकबर ने कहा कि अगर मैने कुछ नहीं किया तो खबर क्या है? लेकिन इन सबके बिनाह पर अटकलें और अपमानजनक माहौल खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ आरोप पूरी तरह से सुनी हुई बातों पर आधारित और निराधार हैं. जबकि अन्य लोगों ने कहा है कि मैने कुछ नहीं किया. शुमा राहा ने कहा है कि वे स्पष्ट करना चाहती हैं कि मैने कुछ नहीं किया. एक महिला अंजू भारती ने बेतुका आरोप लगाते हुए दावा किया कि मैं स्वीमिंग पूल में पार्टी कर रहा था. मैं तैरना भी नहीं जानता.
विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि गजाला वहाब ने मेरी छवि खराब करने के लिए आरोप लगाएं. उन्होंने दावा किया कि मैने 21 साल पहले दफ्तर में उनका यौन शोषण किया. एकमात्र दफ्तर जिसमें मैने गजाला वहाब के साथ काम किया वो द एशियन एज का दफ्तर था. जिसमें संपादकीय टीम एक छोटे से हॉल में काम करती थी. उस समय मेरा एक छोटा सा क्यूबिकल था, जो कि प्लाईवुड और शीशे की दीवार से घिरा था. इस पर विश्वास करना अजीब है कि इतने छोटे जगह पर कुछ हो और किसी को पता भी न चले. यह आरोप गलत, प्रेरित और आधारहीन हैं.
अकबर ने कहा कि आरोपों के बावजूद भी रमानी और वहाब मेरे साथ काम करती रहीं, इससे स्पष्ट होता है कि उन्हें कोई डर और असुविधा नहीं थी. इतने सालों तक इनके खामोश रहने की वजह साफ है.
गौरतलब है कि विदेश से लौटने पर विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा था कि अपने ऊपर लगे आरोपों पर वे बाद में बोलेंगे. बता दें 12 अक्टूबर को जब इस मुद्दे पर अमित शाह से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि देखना पड़ेगा कि ये आरोप सच हैं या गलत. अमित शाह ने कहा था कि पोस्ट की सत्यता जांच भी जरूरी है, जिनकी ओर से ये आरोप लगाये गये हैं.
मशहूर पत्रकार और लेखक रहे एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं. उनके ऊपर अब तक 11 महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी. रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाएं.
अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगाया कि 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थीं और उनके साथ एमजे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की.
यौन शोषण के खिलाफ एक साल पहले अमेरिका से शुरू हुए #MeToo अभियान ने भारत सिनेमा, इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के साथ राजनीति को भी अपनी चपेट में ले लिया. अब तक बॉलीवुड और मनोरंजन इंडस्ट्री से जुड़ी कई महिलाएं सोशल मीडिया पर सामने आकर यौन शोषण के गुनहगारों का नाम सार्वजनिक कर चुकी हैं.