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केरल में बाढ़ के बावजूद क्या इस बार दक्षिण भारत में पड़ेगा सूखा?

तमिनाडु और कर्नाटक की बात की जाए तो इन दोनों राज्यों में केवल उन इलाकों में बारिश हुई है जो केरल से सटे हैं. तमिलनाडु के तो 22 जिलों में बारिश हुई है. जबकि सेन्ट्रल कर्नाटक के कई इलाकों में 21 फीसदी से कम बारिश देखने मिली है.

केरल में बाढ़. केरल में बाढ़.
आदित्य बिड़वई
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

इस साल दक्षिण भारत में जरूरत से ज्यादा 11 प्रतिशत बारिश हुई, लेकिन इसके बावजूद केरल और आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों को सूखे का सामना करना पड़ सकता है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और रायलसीमा के 95 जिलों में से 47 में 20 प्रतिशत बारिश इस बार कम हुई है.

वहीं, कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां 60 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. आंध्र के रायलसीमा में तो पश्चिम राजस्थान से भी कम बारिश अब तक हुई है.

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इसके अलावा यदि तमिलनाडु और कर्नाटक की बात की जाए तो इन दोनों राज्यों में केवल उन इलाकों में बारिश हुई है जो केरल से सटे हैं. तमिलनाडु के तो 22 जिलों में बारिश हुई है, जबकि सेन्ट्रल कर्नाटक के कई इलाकों में 21 फीसदी से कम बारिश देखने मिली है.

केरल के अलावा यदि कहीं दक्षिण भारत में बाढ़ के हालात बने तो वो है कर्नाटक का कोडागु. यहां बीते दिनों बाढ़ ने कहर बरपाया था. वहीं, बाकी कर्नाटक की बात की जाए तो अधिकतर जिलों में कम बारिश हुई है.

मौसम विभाग का कहना है कि इस बार मॉनसून बड़े ही अजीब तरह से बारिश कर गया. पश्चिमी विक्षोभ के कारण केरल और कर्नाटक के हिस्से में भारी बारिश हुई, जबकि मध्य भारत में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने सिस्टम के कारण बारिश हो रही है.  

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तेलंगाना-आंध्र प्रदेश की बारिश को लेकर मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अमूमन तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बारिश होती है. लेकिन इस बार बादल मध्य भारत में बारिश कर गए. जिस कारण तेलंगाना के कुछ जिलों में कम बारिश हुई.

वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत की बात की जाए तो इस बार यहां 6.7 प्रतिशत कम बारिश हुई है जबकि उत्तर-पूर्व में 28.3 प्रतिशत कम बारिश हुई है. पूरे देश में 7 प्रतिशत कम बारिश हुई है जो कि सामान्य से कम है.

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