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संसद के शीत सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, चुनाव नतीजे तय कर देंगे सदन का एजेंडा

इस बार का संसद सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि एक तो 11 दिसंबर को पांच राज्यों के नतीजे आएंगे. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी के लिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे खासा मायने रखते हैं. कांग्रेस एग्जिट पोल से काफी उत्साहित है.

संसद भवन (फाइल फोटो) संसद भवन (फाइल फोटो)
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST

11 दिसंबर को शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय  बैठक बुलाई है. सदन सुचारु रूप से चल सके इसलिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने भी अलग-अलग बैठकें बुलाई हैं. संसदीय कार्य मंत्री सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहते हैं और वह हर बार विपक्ष से सहयोग की अपील करते हैं.

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हालांकि, 11 दिसंबर को संसद की कार्यवाही केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के निधन के कारण नहीं चल पाएगी. श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की बैठक स्थगित कर दी जाएगी. 6 दिसंबर की देर रात बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद असरारुल हक कासमी का भी हार्ट अटैक से निधन हो गया है. सदन में उन्हें भी श्रद्धांजलि दी जाएगी.

बता दें कि इस बार का संसद सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि एक तो 11 दिसंबर को पांच राज्यों के नतीजे आएंगे. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी के लिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे खासा मायने रखते हैं. कांग्रेस एग्जिट पोल से काफी उत्साहित है. इसलिए उन्होंने संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है.  

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कांग्रेस इस बार फिर सदन में राफेल डील का मुद्दा, किसानों की समस्याएं, सीबीआई में हुए घटनाक्रम को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कांग्रेस दूसरी विपक्षी दलों का भी साथ मांग रही है. इधर सरकार का कहना है कि वह नियमों के तहत किसी भी मुद्दे पर चर्चा करवाने को तैयार है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक एनडीए सदन में जनता से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है.

सत्र के दौरान सरकार तीन तलाक, उपभोक्ता संरक्षण, चिट फंड, गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम जैसे करीब तीन दर्जन विधेयक पारित कराना चाहती है. इनमें 20 विधेयक नए हैं जबकि बाकी सदन में पहले ही पेश किए जा चुके विधेयक हैं. सरकार तीन तलाक संबंधी विधेयक इसी सत्र में पारित करवाना चाहती है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में पेश किए गए करीब 15 विधेयक और राज्यसभा में पेश 9 विधेयक पारित होने हैं.

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