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लोकसभा में ई-सिगरेट बैन बिल पेश, राज्यसभा में गोयल के बयान पर हंगामा

शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन था. पांचवे दिन लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा जारी रही और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपना जवाब सदन के समक्ष रखा. शून्यकाल को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा किया.

राज्य सभा की कार्यवाही (फोटो साभार: राज्य सभा की कार्यवाही) राज्य सभा की कार्यवाही (फोटो साभार: राज्य सभा की कार्यवाही)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

  • लोकसभा में पेश हुआ ई-सिगरेट बैन बिल, 2019
  • लोकसभा में कंपलसरी वोटिंग बिल, 2019 पर चर्चा
  • पर्यावरण मंत्री ने लोकसभा में दिया प्रदूषण पर जवाब

शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन था. पांचवे दिन लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा जारी रही और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपना जवाब सदन के समक्ष रखा. शून्य काल को लेकर विपक्ष ने लोकसभा में हंगामा किया. लोकसभा में पश्चिम बंगाल में चल रहे शिक्षक आंदोलन को लेकर भी काफी हंगामा हुआ. सदन में प्राइवेट मेंबर्स बिल पर भी चर्चा हुई.

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राज्यसभा में स्वच्छता को मौलिक कर्तव्यों में जोड़ने का निजी बिल पेश हुआ तो वहीं लोकसभा में कंपलसरी वोटिंग को लेकर निजी बिल पर चर्चा हुई. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने सदन में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) प्रतिषेध विधेयक 2019 को पेश किया.

पर्यावरण मंत्री ने लोकसभा में दिया प्रदूषण पर अपना जवाब

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए भारत जिम्मेवार नहीं है लेकिन इसके बावजूद हमने इससे निपटने के लिए स्वयं पहल करते हुए कई कदम उठाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजिंग की तुलना में दिल्ली को काफी कम समय में प्रदूषण मुक्त किया जाएगा.

ई सिगरेट बैन बिल लोकसभा में पेश

शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, विक्रय, वितरण, भंडारण एवं विज्ञापन पर रोक लगाने संबंधी अध्यादेश का स्थान लेने वाला विधेयक लोकसभा में पेश किया गया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिषेध विधेयक 2019 को सदन में पेश किया.

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...जब लोकसभा में हुआ भारी हंगामा

बीजेपी के पश्चिम बंगाल से लोकसभा में निर्वाचित सांसदों ने राज्य में वेतन एवं सेवाशर्तों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे पैराशिक्षकों में से एक महिला की मौत होने का मामला सदन में पुरजोर तरीके से उठाया. इस दौरान बीजेपी सांसदों ने ममता सरकार पर शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया. इस दौरान सत्ता और विपक्ष के नेताओं के बीच काफी विवाद हुआ.

शून्यकाल में पश्चिम बंगाल के हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 12 नवंबर से आंदोलनरत पैराशिक्षकों में से एक महिला शिक्षक की मौत हो गई. उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अगर शिक्षक ही अपने भविष्य के लिए आंदोलन करेगा तो छोटे-छोटे बच्चों का क्या होगा.

टीएमसी सांसदों पर भी बोला हमला

सदन में मौजूद टीएमसी सांसदों पर हमला बोलते हुए सांसद चटर्जी ने कहा कि खुद का स्टेट संभाल नहीं पा रहे और दूसरे स्टेट की बात कर रहे हैं. यह मामला छोटे-छोटे बच्चों के भविष्य से जुड़ा है. पश्चिम बंगाल में महिला मुख्यमंत्री होने के बाद भी महिला की मौत हो जाती है. पश्चिम बंगाल की स्थिति बहुत खतरनाक है. जब बाहर लोग मर जाते हैं तो ये लोग आंदोलन करते हैं लेकिन बंगाल के लिए कुछ नहीं बोलते हैं. जो मर गया उसको इंसाफ चाहिए.

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राज्यसभा में विजय गोयल के बयान को लेकर फिर हंगामा

राज्यसभा में जिस वक्त सभापीठ की अनुमति से उठाए गए मामलों पर चर्चा हो रही थी. उसी बीच जब बीजेपी सांसद विजय गोयल ने कहा कि वायु प्रदूषण के बाद दिल्ली में हम सबकी चिंता प्रदूषित पानी को लेकर है. दिल्ली में पानी कितना दूषित है इस पर एक अलग बहस हो सकती है. विजय गोयल के इतना कहते ही अन्य सदस्यों खासकर आप सांसद संजय सिंह ने हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप बीच में नहीं टोक सकते वे किसी पर कोई आरोप नहीं लगा रहे, अपनी बात रख रहे हैं.

विजय गोयल को सभापति ने याद दिलाए नियम

विजय गोयल ने आगे कहा कि एयर प्योरिफायर की बिक्री से पता लग सकता है कि हवा कितनी खराब है. आरओ की बिक्री से पता लग सकता है कि पानी कितना खराब है. इस पर सभापति ने विजय गोयल को टोकते हुए कहा कि बाहर का कोई आर्टिकल सदन में नहीं दिखाया जाएगा. मैंने कल की कार्यवाही देखी है. मैं आप सबको बता रहा हूं कि नियम को फॉलो करें और सदन की गरिमा बनाए रखें.

राज्य सभा के सभापति ने विजय गोयल को यह बताया कि कल उन्होंने पानी की बोतल मास्क और न्यूज़ पेपर ऐड लहराया था. वो ठीक नहीं है. सदन के अंदर डिस्प्ले करना अलाउड नहीं है. इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने इस पर नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि आप उच्च सदन की तरह व्यवहार करिए, गलत तरीके का व्यवहार मत करिए, नियमों का पालन होना चाहिए.

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कृषि मंत्री बोले- पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी

प्रश्नकाल के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब में वर्ष 2019 -20 के दौरान पराली जलाने की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है. तोमर ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और कई योजनाएं चला रही है.

लोकसभा में कांग्रेस नेता ने सुनाईं कविता की 4 पंक्तियां

प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के बीच चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आपको क्लाइमेट पर जागरुकता लाना चाहिए. अपनी बात के अंत में उन्होंने एक कविता की चार लाइनें भी सुनाईं. उन्होंने कहा, नजर बदलने से नजरिया बदलता है... सोच बदलने से सितारे बदलते हैं... कश्तियों की जरूरत नहीं दिशा बदलने से किनारा खुद बखूद मिल जाता है...

जेएनयू की घटनाओं का मुद्दा राज्यसभा में उठा

राज्यसभा में बीजेपी सांसद प्रभात झा बोले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने यहीं पढ़ाई की है लेकिन अब जेएनयू में क्या हो रहा है. भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह-इंशाल्लाह. अफजल गुरु के नाम लेकर के यह कहना कि घर-घर अफजल पैदा होंगे. इस तरीके की बात करना जेएनयू में ठीक नहीं है. अगर हम पाकिस्तान से क्रिकेट मैच जीतते हैं और मिठाई बांटते हैं तो वहां छात्रों की पिटाई करते हैं. यह कौन सी संस्कृति है क्या यह अपराध नहीं है इस तरीके की बात वहां पर की जाती है. प्रभात झा ने जेएनयू में ऊपर से नीचे तक हर एक मुद्दे की जांच होनी चाहिए की मांग की. इस दौरान विपक्ष ने काफी हंगामा भी किया जिसके बाद सभापति ने बीजेपी सांसद को टोकते हुए कहा कि सिर्फ फीस वृद्धि पर बात कीजिए.

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राज्यसभा में उठी स्वच्छता को मूल कर्तव्यों में शामिल करने की मांग

स्वच्छता को संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल करने की मांग करते हुए इसके लिए शुक्रवार को राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रभात झा ने अनुच्छेद 51 'क' के संशोधन के उद्देश्य से निजी विधेयक (प्राइवेट मेंबर्स बिल) 'संविधान संशोधन विधेयक 2017' पेश किया. झा ने अपने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि 72 वर्षों से देश में नागरिक बोध का भाव कम कर दिया गया और वोट बोध का भाव बढ़ाया गया.

उन्होंने आगे कहा कि महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर स्वच्छता और सफाई को लेकर उनके मार्ग दर्शन को अपनाने की जरूरत है. बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा कि स्वच्छता को मौलिक कर्तव्यों को भी जोड़ा जाए ताकि नागरिकों की भी जिम्मेदारी बने और उन्हें अपनी जिम्मेदारी का आभास हो.

लोकसभा में कंपलसरी वोटिंग बिल, 2019 पर हुई चर्चा

लोकसभा में देश में लोकतंत्र को सशक्त करने के उद्देश्य एक प्राइवेट मेंबर्स बिल कंपलसरी वोटिंग बिल, 2019 पेश किया गया. जिस पर सदन में काफी लंबी चर्चा हुई. समयकाल के अभाव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चर्चा को बीच में ही रोकते हुए कहा कि यह चर्चा सोमवार 25 नवंबर 2019 को आगे जारी रहेगी. आपको बता दें कि अब राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे वापस शुरू हो गई.

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