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महिला पत्रकारों ने खोला अकबर के खिलाफ मोर्चा, राष्ट्रपति से की हटाने की मांग

महिला पत्रकारों ने एक साझा बयान जारी करते हुए रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उनकी गवाही भी सुनी जाए.

एमजे अकबर (फोटो- फेसबुक) एमजे अकबर (फोटो- फेसबुक)
मोहित ग्रोवर/पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST

#MeToo कैंपेन के तहत विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को अन्य महिला पत्रकारों का भी समर्थन हासिल हुआ है. इस कैंपेन के जोर पकड़ने के साथ ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 20 महिला पत्रकार अपनी सहकर्मी प्रिया रमानी के समर्थन में उतर आईं हैं. इसके अलावा महिला पत्रकारों के एक पैनल ने इस संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत लिखा है.

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इन महिला पत्रकारों ने एक साझा बयान जारी करते हुए रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उनकी गवाही भी सुनी जाए. महिला पत्रकारों की ओर से दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया और अन्य इसकी गवाह हैं.

पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा, ‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है. हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से आग्रह करते हैं कि याचिकाकर्ता के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं.

राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

महिला पत्रकारों के एक पैनल ने केंद्रीय मंत्री एम.जे.अकबर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है. नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, "हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं."

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पत्र के अनुसार, "आप इस बात से सहमत होंगे कि यह अनैतिक और अनुचित है, इस तरह से उनके कथित कुकर्मो की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है."

किन 20 महिला पत्रकारों ने किया प्रिया रमानी का समर्थन -

1) Meenal Baghel (Asian Age 1993-1996)

2) Manisha Pande (Asian Age 1993-1998)

3) Tushita Patel (Asian Age 1993-2000)

4) Kanika Gahlaut (Asian Age 1995-1998)

5) Suparna Sharma (Asian Age 1993-1996)

6) Ramola Talwar Badam (Asian Age 1994-1995)

7) Kaniza Gazari (Asian Age 1995-1997)

8) Malavika Banerjee (Asian Age 1995-1998)

9) A.T. Jayanthi (Asian Age 1995-1996)

10) Hamida Parkar (Asian Age 1996-1999)

11) Jonali Buragohain (Asian Age)

12) Sanjari Chatterjee (Asian Age)

13) Meenakshi Kumar (Asian Age 1996-2000)

14) Sujata Dutta Sachdeva (Asian Age 1999-2000)

15) Hoihnu Hauzel (Asian Age 1999-2000)

16) Reshmi Chakraborty (Asian Age Mumbai staff 1996-1998)

17) Kushalrani Gulab (Asian age 1993-1997)

18) Aisha khan (Asian Age 1995-1998)

19) Kiran Manral (Asian Age 1993-1996)

20) Christina Francis (Deccan Chronicle 2004-2011)

अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी. इसके जवाब में प्रिया ने भी चुनौती को स्वीकारते हुए मंगलवार को कहा था कि अकबर द्वारा अपने ऊपर लगाए गए मानहानि के आरोपों का सामना करने और लड़ने के लिए तैयार हूं, क्योंकि सिर्फ सच ही मेरा बचाव है.

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विपक्ष का अकबर पर हमला

यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे अकबर पर विपक्ष की ओर से इस्तीफे का दवाब बनाया जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को एक चुनावी सभा में अकबर के बहाने मोदी सरकार पर हमला बोला.

राहुल ने कहा कि 'मोदी जी कहते हैं बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, पता लगता है उनके मंत्री के खिलाफ शिकायत आती है. नरेन्द्र मोदी चुप, उत्तरप्रदेश का एमएलए बलात्कार करता है, महिला का रेप करता है, योगी जी चुप, प्रधानमंत्री चुप. सच्चा नारा बताऊं आपको, बेटी पढ़ाओ और बीजेपी के नेताओं, मंत्री, विधायकों से बेटी बचाओ.’

कांग्रेस ही नहीं दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दल अकबर मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं. AAP से सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए यौन शोषण के आरोपों से घिरे अकबर को तुरंत पद से हटाने की मांग की है.

पूरा मामला क्या है?

दरअसल, विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं. उनके ऊपर अब तक कई महिला पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम की वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी.

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रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगा रही हैं. जिसके कारण सोशल मीडिया और विपक्ष की ओर से लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है.

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