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कुछ ही घंटों में दिहाड़ी मजदूर बना करोड़पति, 40 रुपये उधार लेकर किया ये काम

मजदूर भास्कर माजी ने बताया कि रविवार को वो नपारा बस स्टैंड पर बरकियों के लिए घास काटने आया था. लेकिन लॉटरी का टिकट खरीदने के लिए उसके पास रुपये नहीं थे. उसने किसी जानने वाले से 40 रुपये उधार लिए फिर 60 रुपये का टिकट खरीदा. दोपहर उसे पता चला कि उसने लॉटरी में फर्स्ट प्राइज जीता है.

दिहाड़ी मजदूर की निकली एक करोड़ रुपये की लॉटरी दिहाड़ी मजदूर की निकली एक करोड़ रुपये की लॉटरी
सुजाता मेहरा
  • पूर्व बर्दवान ,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST

पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक दिहाड़ी मजदूर कुछ ही घंटों में करोड़पति बन गया. मजदूर बकरियों के लिए घास काटने गया था और जब वो घर लौटा तो उसे पता चला कि अब वो करोड़पति है. गांव में जैसे ही यह खबर फैली जश्न का माहौल बन गया और लोग उसे बधाई देने आने लगे.   

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यह घटना जिले के मंगलकोट के खुरतुबापुर गांव की है. यहां रहने वाला भास्कर माजी दूसरों के खेतों में काम करता है और बरकियां पालकर अपना परिवार चलाता है. वो पिछले दस सालों से लॉटरी की टिकट खरीद रहा था. इस आस से कि एक दिन उसका सपना जरूर पूरा होगा. रविवार सुबह उसने 40 रुपये उधार लेकर लॉटरी का टिकट खरीदा और दोपहर में वो करोड़पति बन गया. 

दिहाड़ी मजदूर ने लॉटरी में जीता एक करोड़ का इनाम 

मजदूर भास्कर माजी ने बताया रविवार को वह नपारा बस स्टैंड पर बरकियों के लिए घास काटने आया था. लेकिन लॉटरी का टिकट खरीदने के लिए उसके पास रुपये नहीं थे. उसने किसी जानने वाले से 40 रुपये उधार लिए फिर 60 रुपये की मामेजुल भाई की लॉटरी के काउंटर से टिकट नंबर 95H83529 खरीदा और घर अपने काम में लग गया. दोपहर उसके पता चला कि उसने लॉटरी में पहला इनाम जीता है. यह जानकर उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. 

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लॉटरी टिकट बेचने वाले मौलिक सेख मामेजुल ने कहा कि रविवार दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पता चला कि 1 करोड़ फर्स्ट प्राइज  गांव के भास्कर माजी ने जीत है. वो पिछले 10 सालों से इलाके में लॉटरी का काउंटर लगा रहे हैं. उन्हें इस बात की खुशी है कि एक गरीब मजदूर उनकी दुकान से खरीदी हुई लॉटरी के टिकट से करोड़पति बन गया. 

भास्कर माजी बेटियों की शादी में लिया कर्ज को निपटाएंगे 

एक करोड़ की लॉटरी जीतने वाले मजदूर भास्कर माजी ने कहा कि उनका घर मिट्टी का है. बरसात के समय पानी टपकता है. इन पैसों से घर बनवाएंगे और बेटियों की शादी में लिया कर्ज को निपटाएंगे. साथ ही खेती के लिए कुछ जमीन खरीदेंगे. भास्कर की बेटियों ने कहा कि पापा ने बड़ी मुश्किल से हमें बीए पास कराया और कर्ज लेकर हमारी 2 बहनों की शादी की. अब भगवान ने पापा की तरफ देखा है. 
 

 

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