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मैं चुप नहीं रह सकता, यशवंत सिन्हा के इन 10 वार से मोदी सरकार घायल!

बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों पर सीधा चोट किया है.

आजतक से बातचीत में यशवंत सिन्हा ने केंद्र पर दागे सवाल आजतक से बातचीत में यशवंत सिन्हा ने केंद्र पर दागे सवाल
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:10 AM IST

बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों पर सीधा चोट किया है. यशवंत सिन्हा का कहना है कि अगर देश हित में कोई गलत कदम उठाए जाते हैं तो उसके खिलाफ वो चुप नहीं बैठेंगे. 'आजतक' से खास बातचीत में यशवंत सिन्हा ने ऐसे 10 मुद्दे उठाए जो सीधे मोदी सरकार के खिलाफ है. ऐसे में सरकार को इन सवालों का जवाब देना भारी पड़ सकती है.

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1. वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्रालय को वक्त नहीं दे पा रहे हैं. जिस वजह से आर्थिक मोर्चे पर सरकार फिसल रही है.

2. आज के दौर में सरकार के फैसले से कई नेता असहमत हैं, लेकिन वो खुलकर पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं.

3. आर्थिक विकास की दर गिर रही है. पिछले दिनों आई GDP के आंकड़े चिंता का विषय है. मैंने जेटली को कभी हटाने की बात नहीं कही.

4. देश गरीबी की ओर जा रहा है. पिछले डेढ़ साल में आर्थिक विकास की रफ्तार पटरी से उतरी है. आर्थिक रूप से मजबूत देश ही स्वावलंबी हो सकता है.

5. ये जरूरी नहीं कि जयंत सिन्हा और मेरे विचार एक जैसे हों. दोनों एक परिवार का हिस्सा हैं, पिता-पुत्र का रिश्ता निजी है सरकारी नहीं.

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6. 1947 के बाद से ही देश में आर्थिक सुधार की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. 'न्यू इंडिया' मोदी सरकार का नारा है.   

7. गलत आर्थिक फैसलों के बावजूद चुनाव जीतना अलग बात है और सरकार चलाना अलग मुद्दा है.

8. पीएम मोदी ने कई आर्थिक सुधारों को करीब से अवलोकन किया है, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बड़े आर्थिक फैसले लिए थे. इसलिए उन्हें दोष देना गलत है.

9. RSS के द्वारा भी अब नीतियों में तेजी से बदलाव लाया जा रहा है. हमारे दौर में RSS की सरकार में भूमिका अलग थी और अब अलग है.

10. अगर मोदी सरकार को दोबारा 2019 में सत्ता में वापसी करनी है तो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे जरूरी है और रोजगार सृजन पर तेजी से ध्यान देना होगा.

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