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छोटी-सी किट से अब आप खुद कर सकेंगे खाने में मिलावट की जांच

अक्सर लोगों को शक होता है कि खाने की जो चीज वे इस्तेमाल कर रहे हैं, कहीं उसमें कोई मिलावट तो नहीं है? लेकिन आम आदमी के पास कोई तरीका नहीं होता जिससे वह पता कर सके या पुख्ता तौर से मिलावट की जांच कर सके. लेकिन अब आपकी यह दिक्कत दूर होने वाली है.

सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की बैठक में हुई चर्चा सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की बैठक में हुई चर्चा
बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST

अक्सर लोगों को शक होता है कि खाने की जो चीज वे इस्तेमाल कर रहे हैं, कहीं उसमें कोई मिलावट तो नहीं है? लेकिन आम आदमी के पास कोई तरीका नहीं होता जिससे वह पता कर सके या पुख्ता तौर से मिलावट की जांच कर सके. लेकिन अब आपकी यह दिक्कत दूर होने वाली है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के कहने पर FSSAI ने एक ऐसा किट तैयार किया है, जिससे आप खुद ही इस बात की जांच कर सकेंगे कि खाने की चीज में मिलावट है या नहीं. खास बात यह है कि इस जांच करने वाली किट की कीमत भी बेहद कम सिर्फ 10 या 20 रुपये होगी. FSSAI ने इस किट को बनाने का तरीका तैयार कर लिया है और अब कंपनियों से बात चल रही है जो इस किट को बनाकर बाजार में उतार सकें. शुरुआत में इस किट से दूध, खाने के तेल में मिलावट का पता किया जा सकेगा.

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को दिल्ली में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन काउंसिल की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई की खाने की तेल में जगह-जगह से मिलावट की काफी शिकायतें आ रही हैं और इससे निपटने के लिए क्या किया जा सकता है. यह बात उभरकर सामने आई कि कानूनी तौर पर खाने का तेल खुला बेचने पर रोक है, इसके बावजूद धड़ल्ले से छोटे शहरों और गांवों में खाने का तेल खुला बेचा जाता है जिससे मिलावट होने की संभावना बढ़ जाती है.

मंत्रालय अब खाने का तेल बनाने वाली कंपनियों से संपर्क करके यह कहेगा कि वह छोटे से छोटे पैक में खाने का तेल बाजार में उतारें ताकि खुले तेल बेचने का धंधा ही खत्म हो जाए. प्रयोग के तौर पर मंत्रालय ने एक कंपनी से कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में दूध और पानी के वेडिंग मशीन की तरह खाने के तेल की वेंडिंग मशीन लगाए. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो दूसरी जगह पर भी इसे आजमाया जाएगा.

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गर्मियां शुरू होते ही दूध में मिलावट की शिकायत भी काफी बढ़ जाती है. हाल में ही FSSAI ने देशभर में करीब ढाई हजार जगहों से सेंपल लेकर टेस्ट कराया, तो कुछ चौंकाने वाली बातें सामने आईं. पता चला कि उत्तर भारत के राज्यों में दूध में मिलावट की शिकायत ज्यादा है, जबकि दक्षिण भारत के राज्यों में यह शिकायत कम है. FSSAI गर्मियों में दूध के मिलावट की जांच करने के लिए एक और अभियान शुरू करने जा रहा है जिसमें देश भर से दूध का सेंपल लेकर उसकी जांच की जाएगी.

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