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असम में 30 तो बंगाल में 11 साल में हो सकती है RTI अपील पर सुनवाई

सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन में कमिश्नरों की संख्या बढ़ाने के बावजूद स्टडी में पाया गया है कि पेंडिंग मामलों में लगने वाला औसत समय 13 से बढ़कर 22 महीना हो गया है.

16 राज्यों के इन्फॉर्मेशनल कमिश्नर्स के परफॉर्मेंस का अध्ययन 16 राज्यों के इन्फॉर्मेशनल कमिश्नर्स के परफॉर्मेंस का अध्ययन
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि असम में आरटीआई अपील पर सुनवाई होने में 30 साल तक का समय लग सकता है. रिसर्च असेसमेंट एंड एनालिसिस ग्रुप और सतर्क नागरिक संगठन ने 16 राज्यों के इन्फॉर्मेशनल कमिश्नर्स के परफॉर्मेंस का अध्ययन कर यह कहा है.

सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन में कमिश्नरों की संख्या बढ़ाने के बावजूद स्टडी में पाया गया है कि पेंडिंग मामलों में लगने वाला औसत समय 13 से बढ़कर 22 महीना हो गया है. अध्ययन करने वाले संगठन ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में 11 साल, केरल में 7 साल तक लोगों को आरटीआई अपील पर सुनवाई के लिए इंतजार करना पड़ सकता है. 16 राज्यों में पिछले साल दिसंबर तक 1.87 लाख पेंडिंग केस हैं.

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टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, सूचना आयुक्तों को ये अधिकार दिए गए हैं वे मामलों की सुनवाई में देरी होने पर 25 हजार रुपये की फाइन लोक सूचना अधिकारी पर लगा सकते हैं. लेकिन सिर्फ 1.3 फीसदी मामलों में ही ये फाइन लगाए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे 290 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

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